Rajasthan News: जयपुर. जल जीवन मिशन (जेजेएम) में भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहली बार गिरफ्तार आरोपियों की संपत्ति सीज कर सकती है. इसे लेकर पीएचईडी ठेकेदार पदमचंद जैन की संपत्ति के रिकॉर्ड लिए गए हैं.

ईडी पदमचंद जैन की जयपुर में स्थित पांच प्रोपर्टी तक पहुंच चुकी है, जो कुल 7.50 करोड़ से ज्यादा की है. राजस्व और जिला प्रशासन से भी रिकॉर्ड लेकर इस पर काम किया जा रहा है. वहीं, मंगलवार को 5 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद ईडी की विशेष कोर्ट ने पदमचंद जैन को जेल भेज दिया है. बता दें कि ईडी ने आरोपी ठेकेदार और श्री श्याम ट्यूबवेल के संचालक पदमचंद जैन को 14 जून को गिरफ्तार कर 5 दिन की रिमांड पर लिया था. दरअसल, ईडी ने जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) कानून में कार्रवाई की है. ईडी अब इस मामले से जुड़े तारों को जोड़ने का प्रयास कर रहा है.

ईडी ने गत 5 दिन इस मामले में कथित मास्टर माइंड पदमचंद जैन से कड़ी पूछताछ कर कड़ियां जोड़ने का काम किया है. खातों में 136 करोड़ का लेनदेन मिला ईडी को पूछताछ में अन्य लोगों की भूमिका का पता चल चुका है. पदमचंद जैन के खातों में करीब 136.41 करोड़ के लेनदेन को भी खंगाला गया है. इससे ईडी को एक बड़ी लीड मिली है. ईडी इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से दर्ज एफआईआर को आधार बना कर पीएमएलए कानून में कार्रवाई कर रही है.

क्या है पूरा मामला : राजस्थान पीएचईडी विभाग में अलवर के बहरोड़ में पोस्टेड एक्सईएन मायालाल सैनी, नीमराणा में पोस्टेड जेईएन प्रदीप के साथ रिश्वत देने वाले ठेकेदार पदमचंद जैन और कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह को एसीबी टीम ने 7 अगस्त को गिरफ्तार किया था. इनके साथ एक दलाल प्रवीण कुमार को भी पकड़ा गया था. एसीबी ने इनके पास से 2.90 लाख रुपए कैश जब्त किया था. सभी बहरोड़ से जयपुर के होटल पोलो विक्ट्री पहुंचे हुए थे.

घूस का पैसा लेकर जाने लगे तो पीछा कर चौमूं पुलिया के पास घेर कर पकड़ लिया. कार में बैठे बहरोड़ एईएन राकेश चौहान की भूमिका सामने आने के बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया था. ठेकेदार पदमचंद जैन की फर्म श्याम ट्यूबवेल कंपनी है और महेश मित्तल की फर्म गणपति ट्यूबवेल है. पदमचंद जैन और महेश मित्तल आपस में जीजा-साला हैं. जल जीवन मिशन में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र लगा कर दोनों कंपनियों पर जयपुर रीजन प्रथम व द्वितीय के इंजीनियरों से मिलीभगत कर 900 करोड़ के टेंडर लेने का आरोप है.

सितम्बर-2023 में एसीबी ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर टेंडर हासिल करने के आरोप में श्याम ट्यूबवेल, गणपति ट्यूबवेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद ईडी मामले की जांच कर रहा है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार मामले में मायालाल सैनी, प्रदीप कुमार, राकेश चौहान, पदमचंद जैन, मलकेत सिंह, महेश मित्तल, प्रवीण कुमार अग्रवाल और पदमचंद जैन के बेटे पीयूष जैन को आरोपी बनाया है. इनमें ईडी पदमचंद जैन और उसके बेटे पीयूष जैन को गिरफ्तार कर चुकी है. करीब एक दर्जन समन देने के बावजूद महेश मित्तल अभी ईडी अधिकारियों के सामने पेश ही नहीं हुए हैं. महेश मित्तल की फर्म श्री गणपति ट्यूबवेल को जल जीवन मिशन योजना में 367.56 करोड़ का भुगतान हुआ था.

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