इदरीश मोहम्मद, पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई गई है. अलाम ये है कि लोग आसपास के जिलों में उपचार करवाने के लिए मजबूर हैं. जिले में वर्तमान समय में डॉक्टरों की भारी कमी है. 11 लाख की आबादी वाले जिले में 61 प्रस्तावित पदों में महज 40 डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं. तहसील स्तर से लेकर जिला अस्पताल तक मरीजों की रोजाना संख्या बढ़ती जा रही है.
इधर, समय पर इलाज न मिल पाने के कारण लोगों की जिंदगी भगवान भरोसे बनी हुई है. क्लास-2 महिला डॉक्टर नहीं होने के कारण रेप पीड़िताओं का एमएलसी परिक्षण भी समय पर नहीं हो रहा है. मजबूरन वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर पीड़िताओं को 150 किलोमीटर का सफर तय कर पड़ोसी जिले छत्तरपुर से एमएलसी के लिए भेजना पड़ रहा है.
इस मामले में सिविल सर्जन आलोक गुप्ता ने बताया कि कई बार संभाग स्तर से लेकर भोपाल स्तर पर सालों से पत्राचार किया जा रहा है. लेकिन आज तक कोई उत्तर नहीं मिल पाया है. जब कि क्लास-1 महिला डॉक्टर भी एमएलसी कर सकती है. हमारे यहां पर चार से अधिक क्लास-1 महिला डॉक्टर है. वो एमएलसी नहीं कर रही हैं, जिस कारण से उनको नोटिस दिया गया है. अब देखना यह है कि कब तक पन्ना जिले को डॉक्टरों की कमी से निजाद मिलेगी.
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