लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं को लेकर अब योगी सरकार सख्त एक्शन मोड में है. भर्ती परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक मामलों ने योगी सरकार की छवि पर सवाल खड़ा किया है. ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा केंद्रों के गठन को लेकर बड़े आदेश जारी किए हैं.

परीक्षा केंद्रों के लेकर दिए दिशा-निर्देश

यूपी में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र अब रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर की परिधि के दायरे में ही होंगे. पहले ही सीएम योगी ने परीक्षा केंद्रों के निर्धारण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे. अब स्टेशन से 10 किलोमीटर की परिधि में परीक्षा केंद्रों के बनाए जाने से वहां की कनेक्टिविटी बेहतर होगी. ऐसे में माना जा रहा है की परीक्षा के दिन इन केंद्रों तक प्रश्न पत्र आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.

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पेपर लीक पर लगाम के लिए नई नीति जारी

पहले दूरस्थ इलाकों में परीक्षा केंद्र बनाए जाने से पहले ही प्रश्न पत्र भेजना होता था. इसमें प्रश्न पत्र लीक होने की संभावना अधिक रहती थी. इस प्रकार की स्थिति को देखते हुए अब परीक्षा केंद्रों के निर्धारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पेपर लीक जैसी स्थिति पर लगाम लगाने और परीक्षाओं में धांधली खत्म करने के लिए नई नीति जारी कर दी गई है. परीक्षा केंद्रों को बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और जिला कोषागार से 10 किलोमीटर के भीतर रखना अनिवार्य किया गया है. इसके साथ ही एग्जाम सेंटर को 3 साल परीक्षा करने का अनुभव होना जरूरी कर दिया गया है. शहर की आबादी के भीतर परीक्षा केंद्र रहना अनिवार्य किया गया है. साथ ही, वहां जाने के लिए सड़क के साथ यातायात साधन की व्यवस्था होनी जरूरी की गई है.

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परीक्षा केंद्र के भवन में व्यवस्थाएं जरूरी

परीक्षा केंद्र के भवन में बाउंड्रीवॉल, पेयजल, शौचालय के साथ ही बिजली और जेनरेटर की व्यवस्था भी अनिवार्य की गई है. परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी चालू अवस्था में होना जरूरी किया गया है. डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाकर परीक्षा केंद्रों का चुनाव किया जाएगा. श्रेणी ए में राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय डिग्री कॉलेज, राज्य एवं केंद्र के विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज को रखा गया है. हीं, श्रेणी बी में इसी दर्जे के ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न एडेड स्कूलों और कॉलेजों को केंद्र बनाया जाएगा. काली सूची में दर्ज विवादित स्कूल और कॉलेजों को किसी भी स्थिति में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा.

प्रश्न पत्र छपाई के लिए नई गाइडलाइन जारी

परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छपाई करने वाले प्रिंटिंग प्रेस को लेकर भी गाइडलाइन जारी कर दी गई है. नई नीति में साफ किया गया है कि प्रिंटिंग प्रेस के चुनाव में पूरी गोपनीयता बरती जाएगी. प्रेस में आने और जाने वाले सभी लोगों की जांच होगी. सभी के पास पहचान पत्र जरूरी किया गया है. प्रेस में कैमरा और मोबाइल फोन ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. प्रेस के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरा होना अनिवार्य किया गया है. उसकी रिकॉर्डिंग को हर साल सुरक्षित रखना होगा.

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सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य

परीक्षा आयोजन कराने वाली एजेंसी के चुनाव में भी पूरी गोपनीयता बरतने का निर्णय लिया गया है. हर परीक्षा के लिए दो या अधिक सेट में प्रश्न पत्र तैयार कराने का भी फैसला हुआ है. हर सेट अलग एजेंसी से तैयार कराकर छपवाया जाएगा. परीक्षा से पांच घंटे पहले तय किया जाएगा कि किस सेट का पेपर परीक्षा में इस्तेमाल होगा. परीक्षा देने जाने वाले अभ्यर्थियों पर भी अब कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया गया है. परीक्षा के दौरान स्कैन हस्ताक्षर और फोटो का मिलान किए जाने के बाद ही एग्जाम सेंटर में प्रवेश दिया जाएगा.इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल होगा. परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र गृह मंडल से अलग दिए जाएंगे.

रैंडम आधार पर होगा परीक्षा केंद्रों का आवंटन

परीक्षा केंद्रों का आवंटन रैंडम आधार पर होगा. परीक्षा केंद्रों पर नियुक्त होने वाले वीक्षकों को एग्जाम हॉल का आवंटन अब पहले से नहीं होगा.वीक्षण कार्य में लगने वाले शिक्षकों को परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले बताया जाएगा कि उन्हें किस हॉल में ड्यूटी देनी है. साथ ही, परीक्षा केंद्र पर 50 फीसदी स्टाफ दूसरे संस्थान से तैनात किए जाएंगे.परीक्षा कार्य में लगने वाले शिक्षकों और कर्मियों को कोई भी इलेक्ट्रॉनिक और कैमरा डिवाइस लेकर जाने की अनुमति नहीं होगी. परीक्षा की हर पाली के लिए कोषागार से प्रश्न पत्र और आंसर शीट अलग-अलग ले जाए जाने का निर्णय लिया गया है