शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाले से जुडी अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। म.प्र. नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल की तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनिता शिजू को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। नर्सिंग संस्थाओं की मान्यता जारी करने में अनियमितताओं पर निर्णय लिया गया है। सुनिता शिजू 22 सितंबर 2021 से 24 सितंबर 2022 तक मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ थी।   

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जांच में पाया गया कि पद पर रहने के दौरान सुनीता शिजू ने नियमों को ताक पर रखकर कॉलेजों को मान्यता दी थी। सुनीता शिजू ने नर्सिंग शिक्षा व्यवस्था की छवि धूमिल की है 2021-22 के बीच में उनके द्वारा करीब 250 कॉलेज को मान्यता दी गई थी। गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन ने उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी किए है।

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बता दें कि सुनीता शिजू को जब पदस्थ किया गया था तो उस वक्त भी सवाल उठे थे। क्योंकि गांधी मेडिकल कॉलेज में नर्स के पद पर पदस्थ एक कर्मचारियों को रजिस्टर की जिम्मेदारी दी गई थी। उस वक्त यह कहा गया था की जो पद के लिए एलिजिबल नहीं है उसे जिम्मेदारी दे दी गई है। नियुक्ति के बाद एनएसयूआई की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया गया था और सुनीता शिजु के नेम प्लेट पर कालिख पोत दी गई थी। साथ ही नियुक्ति को लेकर कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी।  

मामला कोर्ट पहुंचा, कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए सरकार ने सुनीता शीजू को हटा दिया था।  इसके बाद उन्हें दतिया मेडिकल कॉलेज में पदस्थ किया गया था। नर्सिंग घोटाला सामने आने के बाद तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता पर लगातार सवाल उठ रहे थे कि उनके रजिस्ट्रार रहते हुए गंभीर लापरवाही बरती गई। कई कॉलेजों को नियमों को ताक पर रख मान्यता दी गई। इसकी जांच की गई, जांच के बाद सुनीता को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। 

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