शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के अशोकनगर के चंदेरी की भाजपा मंडल अध्यक्ष ममता यादव की गुमशुदगी के बाद मौत का मामला महीनों गुजरने के बाद भी सुलझ नहीं सका है। वहींपूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई। बीजेपी मंडल के अध्यक्ष ममता यादव की मौत के मामले में दिग्विजय सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ममता यादव की 20 लाख रुपए देकर हत्या करवाई गई है। दिग्विजय ने मामले में निष्पक्ष जांच के साथ पीड़ित परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। 

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उन्होंने अशोक नगर पुलिस पर आरोपियों को बचाने के आरोप लगाए है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि एक संगीन अपराध का प्रकरण मेरे पास आया है, जो की एमपी और यूपी पुलिस से जुड़ा मामला है। एक महिला जो की बीजेपी की मण्डल अध्यक्ष रही है, वो अपने घर से निकलती है 11 सितंबर 2023 को ये कहके की किसी व्यक्ति से सात लाख रुपए लेना है। उसके बाद उनका मोबाइल फोन बंद हो जाता है। परिजन पुलिस में रिपोर्ट करते है पर कार्रवाई नहीं होती है। पुलिस को गुमशुदगी के आधार पर कॉल डिटेल निकाली जानी थी नहीं निकली गई। छह नंबर पर ममता यादव की चर्चा हुई , एक नंबर से 86 बार दस दिन में बात की। पुलिस ने इसमें जांच क्यों नहीं की जबकि रिपोर्ट दर्ज हो गई थी। 

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उन्होंने कहा कि फरवरी में प्रयागराज जिले में एक गुमशुदा के मरने की रिपोर्ट आयी। शरीर पर टैटू के आधार पर शव चिन्हित किया गया, लेकिन शव परिजन को नहीं दिया गया। संजय द्विवेदी नाम के शख्स का मामले में लगातार नाम आया राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं हुई। ये ममता की हत्या एक बड़ा राजनीतिक खेल है। मध्य प्रदेश पुलिस उत्तर प्रदेश का मामला बात कर टाल देती है और Up पुलिस एमपी का बताकर मामले को टाल देती है। 

दिग्विजय ने कहा कि मैंने डीजीपी को पत्र लिखा है। मुझे स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है। 
सीनियर अधिकारी पर भी भरोसा नहीं है। हम मांग करते है कि एक जज की देखरेख में इन्वेस्टीगेशन किया जाए। ममता ने पुलिस में जान को खतरा होने का प्रकरण दर्ज किया था।  लेकिन इसपर जांच क्यों नहीं की गई। जांच की जाती तो शायद उसकी मौत ना होती। 

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वहीं मृतिका के भाई राजधान यादव ने पैन ड्राइव का जिक्र किया जिसमें कुछ था। इस पेन ड्राइव के चलते लगातार कुछ दिनों से बहन को परेशान किया जा रहा था। पैसा लेकर सेटलमेंट करने की भी कुछ लोग बात कर रहे थे घर पर आ रहे थे। हम उन लोगों को नहीं जानते हैं हम तो सिर्फ मांग करते हैं कि हमें न्याय मिले। हमने मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश पुलिस और अन्य नेताओं से लगातार न्याय की गुहार लगाई है। अब देखना होगा कि पीड़ित परिवार को कब तक न्याय मिलता है। 

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