शुभम जायसवाल, राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। इसे देखकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि किसी को उसकी मौत के बाद एक एंबुलेंस तक नसीब नहीं हो सकती। क्या प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इतनी बुरी अवस्था में है कि किसी के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने कचरा वाहन का इस्तेमाल करना पड़े। लेकिन ऐसा हुआ है, जिसके बाद बड़े- बड़े दावों की कलई खुल गई।

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दरअसल राजगढ़ के खिलचीपुर के पास एक खेत में सुबह एक युवक का शव लटका मिला। जिसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव को पेड़ से नीचे उतारा। लेकिन एंबुलेंस की व्यवस्था न होने पर कचरा गाड़ी में भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। 

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इस मामले में खिलचीपुर बीएमओ का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर शव वाहन नहीं है। जिसकी वजह से दूसरे वाहनों से शव को लाना पड़ता है। मृतक के परिजनों का कहना है कि कचरा वाहन में पोस्टमार्टम करने के लिए शव को लाया गया। वहीं खिलचीपुर थाना प्रभारी का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि शव को किस वाहन में लाया गया। स्वास्थ्य विभाग की  लापरवाही यहीं खत्म नहीं हुई। पोस्टमार्टम के बाद भी शव वाहन नहीं दिया गया जिसके बाद परिजन निजी वाहन की मदद से ही शव को मृतक के गांव तक ले जाने पर मजबूर हुए। 

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग की बड़ी तारीफ कर रही है। लेकिन वादों और जमीनी हकीकत में काफी फर्क है। ऐसा नहीं है कि प्रदेश में ऐसी घटना पहली बार हुई है। बल्कि पहले भी कई बार ठेले, मोटरसाइकिल और कंधे पर शव ले जाने का मामला सामने आया है। हर बार यह भी देखने को मिला है कि छोटे स्तर के लोगों पर कार्रवाई कर उसे हटा दिया जाता है। लेकिन इन पर पूरी तरह लगाम कब लगेगी और कब अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी यह देखने वाली बात है।

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