अखिलेश जायसवाल/शिवा यादव, सुकमा. ऐसी क्या वजह है जिस कारण से जवान खुदकुशी कर रहे हैं. मानसिक प्रताणना, छुट्टी न मिलना, ड्यूटी पर तनाव, या फिर कुछ और वजह? जवानों के लिए लाख जतन किए जा रहे, लेकिन जवानों के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला सुकमा जिले के भेज्जी थाना क्षेत्र से निकलकर सामने आया है. जहां एक सीआरपीएफ के जवान ने खुद को मारी गोली कर खुदकुशी कर ली है. जवान के शव को रायपुर भेजने की तैयारी की जा रही है. आत्महत्या की वजह का पता नहीं चल सका है. आखिर जवान क्यों ऐसा आत्मघाती कदम उठा रहे है? प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे है कि आखिर क्यों इस पर कोई लगाम नहीं लगा पा रही है?

इलाज के दौरान तोड़ा दम

मिली जानकारी के मुताबिक खुदकुशी करने वाला जवान सरताज सिंह सीआरपीएफ 219 बटालियन का है जो कि हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है. जवान भेज्जी थाना क्षेत्र के गोरखा केम्प में पदस्थ है. जवान ने अपने खुद की सर्विस रायफल से गोली मार कर आत्महत्या करने का प्रयास किया है. जिससे वह गंभीर रुप से घायल हो गया है. जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उसने दम तोड़ दिया.

पीएम के बाद गृहग्राम भेजा जाएगा शव

जवान ने खुद को गोली क्यों मारी है कारण अभी भी अज्ञात है. जवान के शव को कोण्टा हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है जहां के शव को रायपुर भेजने की तैयारी की जा रही है. उसके बाद शव को उसके गृहग्राम भेजा जाएगा. फिलहाल ऐसा आत्मघाती कदम उठाने के पीछे की वजह सामने नहीं आ पाई है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है. अभी बीते दिनों रायपुर में भी एक जवान ने खुद को गोली मार कर खुदकुशी कर लिया था.

उठ रहे सवाल

इस तरह की यह पहली घटना नहीं है ऐसे तमाम घटना सामने चुकी है कि फला जगह फला जवान के खुदकुशी कर ली. इसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर ड्यूटी पर तैनात जवान क्यों आत्महत्या कर रहे हैं? उसके पीछे की असल वजह क्या हैं? छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों में आत्महत्या की प्रवृत्ति तेजी से पनप रही है. धुर नक्सल इलाकों में तैनात जवान बड़ी तेजी से खुद को गोली मार रहे हैं. आखिर बस्तर क्षेत्र में आत्महत्या के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?

इन आंकड़ों के मुताबिक

  • साल 2016 में जवानों के खुदकुशी के मामले 101 थे.
  • साल 2015 में 78 और 2014 में 84 थे
  • वायुसेना में भी साल 2016 में 19 जवानों ने आत्महत्या कर ली थी.
  • साल 2015 में 15 और 2014 में 24 जवानों ने खुदकुशी की थी.
  • नौसेना में साल 2016 में 5 जवानों ने खुदकुशी के केस सामने आए थे.
  • जबकि 2015 में 4 और 2014 में 5 जवानों ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली थी.