कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम के वर्कशॉप में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर सोमवार को उस समय हंगामा हो गया. जब सभापति के निर्देश पर पांच सदस्यीय पार्षदों की टीम निगम के वर्कशॉप का निरीक्षण करने पहुंचे. पार्षदों की टीम को अधिकांश स्टाफ वर्कशॉप से गायब मिले. हाजिरी रजिस्टर पर भी इक्का दुक्का लोगों के अलावा किसी के हस्ताक्षर नहीं थे.

टीम के पार्षद मोहित जाट ने बताया कि निगम के वर्कशॉप में धड़ल्ले से भ्रष्टाचार जारी है. पेट्रोल-डीजल की चोरी से लेकर जहां तैनात लोगों को घर बैठे ही निगम के खजाने से तनख्वाह दी जा रही है. अधिकांश स्टाफ वर्कशॉप से गायब रहते हैं. पार्षदों की टीम के महालेखाकार कार्यालय के पास बने निगम के वर्कशॉप में पहुंचने से वहां हड़कंप मच गया. आनन-फानन में कुछ अधिकारी भी वहां पहुंचे.

पार्षदों का कहना है कि यहां किसी भी तरह का रिकॉर्ड कर्मचारियों ने टीम को नहीं दिखाया. इसका मतलब वहां व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है. गौरतलब है कि पिछले दिनों नगर निगम में हुए हंगामे के बाद वर्कशॉप की गतिविधियों पर सवालिया निशान उठे थे. इसके बाद सभापति ने 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था. इसमें तीन कांग्रेस के पार्षद शामिल हैं, जबकि दो भाजपा से जुड़े हुए हैं. खुद भाजपा के पार्षद मोहित जाट ने कर्मचारियों के रवैये पर हैरानी जताई है.

पार्षद ने कहा कि इस मामले को अब दबाया नहीं जा सकेगा. वह नियमित तौर पर निगम के इस वर्कशॉप की हर गतिविधि की जांच करेंगे और अपनी रिपोर्ट निगम के सदन में पेश करेंगे. इस दौरान मौके पर मौजूद वर्कशॉप अधिकारी श्रीकांत कांटे पार्षदों के सभी आरोपों पर मौन नजर आए.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m