हेमंत शर्मा, इंदौर। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में हुई गड़बड़ियों के बाद 50 डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। सीबीआई जांच में अयोग्य पाए गए 66 कॉलेजों को मान्यता देने की सिफारिश करने वाले इन अफसरों के खिलाफ निलंबन की तैयारी चल रही है। यह पहली बार है जब चिकित्सा शिक्षा विभाग में इतने लोगों के खिलाफ एक साथ जांच की जा रही है।

इनमें से 9 डॉक्टर एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर से संबंधित हैं, जिनमें डॉ. आकाशरादित्य शुक्ला, डॉ. धर्मेंद्र सिंह राजपूत, उमा प्रीवल, डॉ. संजय कुमार महाजन, हिल्दा डेविड, रेखा मशानी, टीना नप्थेल, भावना कन्नोजिया और कृष्णा पिल्लई शामिल हैं। 111 अपात्र कॉलेजों का निरीक्षण करने वाले 90 डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को नोटिस जारी किया गया था, जिनमें से केवल 50 ने जवाब दिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण पिथोड़े के अनुसार, जिन्होंने सही जवाब नहीं दिए हैं या कोई जवाब नहीं दिया है, उन डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ विभागीय जांच जारी है। तीन से 15 दिनों के भीतर आरोप पत्र जारी करने के लिए डीन को लिखा गया है। यह सभी अधिकारी जल्दी ही निलंबित हो सकते हैं।

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