राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में नवनिर्वाचित सांसदों और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को बधाई दी.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव की चर्चा पूरे देश में हो रही है. दुनिया देख रही है कि लोगों ने लगातार 3 बार स्थिर सरकार चुनी है. लोगों ने 3 बार सरकार पर भरोसा जताया है.
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि मैं 18वीं लोक सभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. आप सभी यहां देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं. देशसेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपना दायित्व निभाएंगे. 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेंगे.
उन्होंने कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था. करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है. इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है. इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है. कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं.
संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी क्यों?
संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार, राष्ट्रपति को हर लोकसभा चुनाव के बाद सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी है. राष्ट्रपति हर साल संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को भी संबोधित किया जाता है. राष्ट्रपति के अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा बताती है. यह अभिभाषण पिछले वर्ष सरकार के कामकाज का उल्लेख करता है. इस दौरान आगामी वर्ष के लिए प्राथमिकताओं को बताता है.
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