18वीं लोकसभा सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित कर रही हैं. इस दौरान राष्ट्रपति ने देशवासियों के सामने मोदी सरकार 3.0 का ब्लूप्रिंट सामने रखा. अभिभाषण की शुरुआत राष्ट्रपति ने नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देकर दी. राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में हुए ऐतिहासिक चुनाव को दुनिया भर ने देखा और सराहना की गई। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का लक्ष्य देश को तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाना है.
संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण के अंश-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रही है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, छह दशकों के बाद देश में पूर्ण बहुमत वाली एक स्थिर सरकार बनी है। लोगों ने तीसरी बार इस सरकार पर भरोसा दिखाया है. लोग इस बात से अवगत हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि यह सरकार हर भारतीय की आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है। 18वीं लोकसभा कई मायनों में एक ऐतिहासिक लोकसभा है। यह लोकसभा अमृत काल के शुरुआती वर्षों में बनी है। आगामी सत्रों में यह सरकार इस कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। यह बजट आर्थिक और सरकार की दूरगामी नीतियों के साथ-साथ भविष्यवादी दृष्टिकोण का एक प्रभावी दस्तावेज होगा इस बजट में सामाजिक फैसले, कई ऐतिहासिक कदम भी दिखेंगे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘दुनिया भर के लोगों ने सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनाव देखा है। करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है। इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है। इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है। कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं.’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन ने भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। 10 वर्षों में, भारत 11वें स्थान से बढ़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। कोरोना महामारी और विभिन्न संघर्षों के बावजूद भारत विकास दर को हासिल करने में सक्षम हुआ। यह पिछले 10 वर्षों में किए गए सुधारों और राष्ट्रीय हित में लिए गए निर्णयों के कारण संभव हुआ है। आज भारत वैश्विक विकास में 15% का योगदान दे रहा है। भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों -विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को बराबर महत्व दे रही है. पीएलआई योजनाओं और व्यापार करने में आसानी से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. पारंपरिक सेक्टर्स के साथ-साथ सनराइज सेक्टर्स को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार ने हाल में ही कृषि सखी कार्यक्रम भी शुरु किया है. इसके तहत अभी तक सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की 30 हज़ार महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए हैं.
राष्ट्रपति मु्र्मू ने कहा – नई सरकार में हम 70 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को आयुष्मान का फायदा दे रहे हैं. यही नहीं किसानों के प्रति भी सरकार ने लगातार कार्य किए हैं. किसानों को 20 हजार करोड़ ट्रांसफर किए गए. इससे हमने किसानों को ज्यादा आत्मनिर्भर किया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब देश के गरीब, युवा, महिलाएं और किसान सशक्त होंगे. इसलिए मेरी सरकार द्वारा उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. हमारा लक्ष्य उन्हें हर सरकारी योजना का लाभ पहुंचाना है. भारत इस इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहा है कि एक भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे. सरकार की योजनाओं के कारण ही पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आये हैं. मेरी सरकार दिव्यांग भाई-बहनों के लिए किफायती और स्वदेशी सहायक उपकरण विकसित कर रही है. मेरी सरकार श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत करके दुर्घटना और जीवन बीमा का दायरा बढ़ाने का काम कर रही है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम मोदी के नेतृत्व में गठित नयी सरकार के आने वाले बजट की ओर संकेत करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट भविष्योन्मुखी दस्तावेज होगा, सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार कृषि उत्पादों के भंडारण की दिशा में काम कर रही है तथा कृषि उपजों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाया गया है.
भारत के संविधान पर आपातकाल सबसे बड़ा हमला था. इसके चलते 1975 में पूरे देश में हाहाकार मच गया था और दो साल तक इमरजेंसी लागू थी. इस दौरान लोगों के सभी अधिकारियों को छीन लिया गया था. हम सभी संकल्प लेते हैं कि संविधान की रक्षा करेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपने अभिभाषण में इतना बोलना था कि विपक्ष भड़क गया और हंगामा करने लगा. इससे पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जब अपने पहले संबोधन में आपातकाल का बुधवार को जिक्र किया था, तब भी विपक्ष ने हंगामा किया था. यही नहीं मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेताओं ने कहा था कि मोदी सरकार का बीते 10 सालों का शासन अघोषित आपातकाल ही था.
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