रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा निर्वाचन में 20 नवंबर को मतदान कराने के लिए ड्यूटी पर तैनात रहे नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत सहित शिक्षा विभाग और पंचायत,नगरीय निकाय के हजारों शिक्षक वोट नहीं दे पाए हैं. चुनाव आयोग ने कर्मचारियों को 10 दिसंबर तक डाक मतपत्र के माध्यम से वोट देने का अधिकार दिया है. लेकिन अभी तक अधिकांश शिक्षकों को पोस्टल बैलेट नहीं मिला है. अब शिक्षक चुनाव आयुक्त व जिला प्रशासन के अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द मतपत्र उपलब्ध कराएं ताकि वे लोकतंत्र के पर्व में वोट देने से वंचित न रहें.
राज्य के कई हजार शिक्षक ड्यूटी चुनाव में लगाई गई थी. इनमें से लगभग 50 प्रतिशत कर्मचारियों के बताए गए घर के पते पर अभी भी पोस्टल बैलेट नहीं पहुंचे हैं. डाक मतपत्र से मतदान की अंतिम तारीख 10 दिसंबर है, लिहाजा जैसे-जैसे ये तारीख नजदीक आ रही है वैसे ही कर्मचारियों की चिंता बढ़ रही है कि कैसे वोट डाल पाएंगे.
मतपत्र केवल डाक से ही भेजे जाएंगे
डाक मतपत्र मिलने में हो रही लेट लतीफी के कारण चुनाव से वंचित कर्मचारी जिला प्रशासन व चुनाव अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं. कर्मचारियों ने प्रशासन से कहा है कि अभी जो भी मतपत्र डाक के माध्यम से भेजे जा रहे हैं उनकी संख्या काफी कम है. नवीन शिक्षाकर्मी संघ के मीडिया प्रभारी मनोज चन्द्रा, प्रदेश प्रवक्ता दुष्यंत कुम्भकार व गंगा पासी ने कहा है कि प्रशासन हाथों हाथ मतपत्र दे तो कर्मचारियों समय पर पोस्टल बैलेट मिल सकता है और निर्धारित तारीख तक उनका मतपत्र पहुंच सकता है.
वहीं अधिकारियों के अनुसार कर्मचारियों को डाक से ही पोस्टल बैलेट भेजे जा सकते हैं. महिला अध्यक्ष उमा जाटव, प्रदेश सचिव गिरीश साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेंद्र सिन्हा, अमित नामदेव, ब्रिज नारायण मिश्रा व अजय कड़व ने राज्य निर्वाचन आयोग से मांग किया है की निर्वाचन कार्य मे लगे समस्त कर्मचारियों को डाक मतपत्र जल्दी ही प्रदान किया जाय, जिससे सभी जनता को मतदान करवाने वाले कर्मचारी भी अपना मताधिकार का प्रयोग कर सके व नवीन शिक्षाकर्मी संघ ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने समस्त कर्मचारियों से निवेदन किया है.