अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शहडोल जिले के कलेक्टर (Shahdol Collector Tarun Bhatnagar) इन दिनों सुर्खियों में हैं। जिले की शिक्षा व्यवस्था की जानकारी लेने के लिए वे किसी अधकारियों के बयान के भरोसे नहीं रहे। बल्कि खुद ही स्कूलों की निरिक्षण पर निकल पड़े और बच्चों से उनके पाठ्यक्रम के सवाल पूछे। इस दौरान उन्होंने जमीन पर बैठकर बच्चों को पढ़ाया। उन्होंने छात्रों से अंग्रेजी की किताब भी पढ़वाई लेकिन वे किताब नहीं पढ़ सके।
दरअसल शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर कल शुक्रवार को शासकीय स्कूलों के दौरे पर निकले थे। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षक बनकर गणित और अंग्रेजी पढ़ाया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कम होने पर नाराजगी भी जताई। कलेक्टर ने छात्रों से अंग्रेजी की किताब भी पढ़वाई लेकिन छात्र किताब नहीं पढ़ सके जिस पर उन्होंने शिक्षकों पर नाराजगी जताई। उन्होंने टीचरों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के निर्देश दिए हैं।
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बच्चों के इस तरह अक्षर न पढ़ पाने पर एमपी के सरकारी स्कूलों की पोल भी खुलती नजर आई। एक तरह जहां सरकारी स्कूलों में शिक्षकों पर सरकार लाखों रुपए खर्च करती है। लेकिन वहां की स्थिति बदहाल ही रहती है। कई ऐसे मामले तक देखे गए हैं कि छात्रों को शिक्षा देने वाले शिक्षक तक अंग्रेजी के अक्षर पढ़ने में नाकाम साबित होते हैं। ऐसे में शासकीय विद्यालयों की तस्वीर कब बदलती है यह देखने वाली बात है।
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