बिलासपुर। देश के 11 संसदीय सचिवों को पद और लाभ से पृथक रखने की मांग करने वाले आवेदन पर सुनवाई कल तक के लिए टल गई है. दरअसल पिछले हफ्ते इस मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन महाधिवक्ता के उपलब्ध न होने के चलते मामले में एक हफ्ते बाद की डेट दी गई थी.
याचिकाकर्ता मोहम्मद अकबर ने बताया कि इस मामले की सुनवाई सोमवार को होनी थी लेकिन तकनीकि कारणों से मामले की लिस्टिंग आज नहीं हो पाई अब इसकी सुनवाई कल यानी मंगलवार को होगी.
याचिकाकर्ता के वकील अमृतो दास ने आज कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी दे दी है. जिसमें संसदीय सचिवों की नियुक्ति को संविधान विरुद्ध बताया गया है.
इस मामले में याचिकाकर्ता मोहम्मद अकबर ने कोर्ट से मांग की थी कि जब तक इस मामले में अंतिम फैसला न आ जाए तब तक प्रदेश के 11 संसदीय सचिवों को वेतन, भत्तों, गाड़ियों और दूसरी सुविधाओं के लाभ से वंचित रखा जाए. इस मामले में अंतिम फैसला 23 अगस्त को आना है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने असम के मामले में फैसला दे दिया है कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकारों को नहीं है.
माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद प्रदेश के संसदीय सचिवों को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ेगी. हांलाकि यहां अब भी सरकार की दलील है कि संसदीय सचिवों का पद लाभ का पद नहीं है.