Allahabad High Court On Conversion: धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण (religious conversion) के खेल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि यदि धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण की प्रवृत्ति इसी जारी रही तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक (हिंदू-Hindu) आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी। धर्मांतरण करने वाली धार्मिक सभाओं पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। अनुच्छेद 25 में धर्मांतरण का प्रावधान नहीं है। यह अनुच्छेद किसी को भी धर्म मानने व पूजा करने व अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है।
दरअसल न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत हमीरपुर के मौदहा निवासी आरोपी कैलाश की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। इस मामले में आरोपी ने जमानत याचिका दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में एससी/एसटी और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का ईसाई धर्म में अवैध धर्मांतरण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। लालच देकर धर्म बदलने का खेल जारी रहा तो देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक बन जाएगी।
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न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत हमीरपुर के मौदहा निवासी आरोपी कैलाश की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। कैलाश पर अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। शिकायतकर्ता रामकली प्रजापति ने एफआईआर में कहा था कि उसके भाई रामफल को कैलाश घर से दिल्ली में एक सामाजिक समारोह में भाग लेने के लिए ले गया था।
इस समारोह में गांव के कई और लोगों को भी ले जाया गया। बाद में, सभी को लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। बकौल रामकली, उनका भाई मानसिक रूप से बीमार चल रहा था। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद कैलाश के अधिवक्ता ने दलील दी कि आवेदक ने शिकायतकर्ता के भाई का धर्मांतरण नहीं किया था। पादरी सोनू ने कार्यक्रम का आयोजन किया था और उसी ने सभी का धर्म परिवर्तन कराया। उसे जमानत पर रिहा किया जा चुका है। राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने दलील दी कि ऐसी सभाओं का आयोजन कर बड़े पैमाने पर लोगों को ईसाई बनाया जा रहा है। कैलाश गांव से लोगों को ले जाकर ईसाई धर्म में परिवर्तित कराने में शामिल रहा है। उसे इसके बदले बहुत पैसा दिया गया था।
इलाज के बहाने धर्मांतरण का खेल
शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके भाई को एक हफ्ते के लिए इलाज के बहाने दिल्ली ले जाया गया था। इसके बाद वो उसे किसी धार्मिक आयोजन में ले गया। आरोपी कैलाश गांव के कई दूसरे लोगों को भी साथ ले गया था, जहां उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। उन्होंने बताया किया इसके बदले उसके भाई को कुछ पैसे भी दिए गए थे।
कोर्ट ने कहा कि धर्मांतरण कराने वाली धार्मिक सभाओं पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। संविधान का अनुच्छेद 25, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार, किसी भी धर्म को मानने, पूजा करने व धर्म का प्रचार करने का अधिकार देता है लेकिन किसी को धर्मांतरण की इजाजत नहीं देता। कोर्ट ने कहा ऐसा जानकारी में आया है कि यूपी में धार्मिक आयोजनों के जरिए गरीब और भोले भाले लोगों का धर्मांतरण कर ईसाई बनाया जा रहा है। ये गंभीर मामला है। कोर्ट ने कहा याची कैलाश पर गंभीर आरोप हैं। उसने गांव के कई लोगों का धर्मांतरण किया है. इसलिए उसे जमानत नहीं दी जा सकती है।
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