दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. आम आदमी पार्टी के प्रमुख की ओर से गिरफ्तारी और रिमांड को दी गई चुनौती पर कोर्ट ने CBI से जवाब मांगा है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 17 जुलाई को होगी.

केजरीवाल की याचिका पर जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने सुनवाई की. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि FIR 2022 में ही दर्ज की गई थी. उन्हें अप्रैल 2023 में समन किया गया था और 9 घंटे पूछताछ की गई. उसके बाद से कुछ नहीं किया और अब गिरफ्तार कर लिया . उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी मेमो में कुछ कारण बताए जाने की आवश्यकता होती है.

सिंघवी से कोर्ट ने कहा कि आप गिरफ्तारी को रद्द करके उन्हें हिरासत से छोड़ने की मांग कर रहे हैं? सिंघवी ने इसका जवाब हां में दिया तो कोर्ट ने पूछा, ‘क्या आपने जमानत याचिका दायर की है?’ सिंघवी ने जवाब दिया कि अभी ऐसा नहीं किया है, लेकिन ऐसा करने जा रहे हैं. कोर्ट ने CBI को नोटिस जारी करके अपना जवाब दाखिल करने को कहा. जज ने मामले को शनिवार को सूचीबद्ध करने को कहा.

केजरीवाल को CBI ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था. वह ED की ओर से दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग केस में न्यायिक हिरासत में थे. गिरफ्तारी के बाद निचली अदालत ने केजरीवाल को 3 दिन की CBI रिमांड में भेज दिया था. रिमांड खत्म होने के बाद जांच एजेंसी ने केजरीवाल को दोबारा न्यायिक हिरासत में भेजने की अपील की जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.

केजरीवाल ने विशेष अदालत के 26 जून के आदेश को भी चुनौती दी है, जिसके तहत उन्हें 3 दिन के लिए CBI की रिमांड पर भेजा गया था. उन्होंन आरोप लगाया कि CBI ने गिरफ्तारी के लिए झूठा आधार बनाया. गिरफ्तारी के लिए कोई तर्क नहीं दिया गया. याचिका में कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी कथित तौर पर 4 जून से पहले CBI के कब्जे में मौजूद सामग्री के आधार पर की गई थी. पहले से उपलब्ध सामग्री के आधार पर गिरफ्तारी अवैध है, इसमें पुनर्मूल्यांकन शामिल है, जिसकी कानूनन अनुमति नहीं है.