बालोद. शासकीय प्राथमिक शाला कोसा में क्रियाशील बाल केबिनेट के नेतृत्व में संविधान दिवस 26 नवंबर को भारतीय संविधान की प्रस्तावना सामूहिक वाचन किया गया. संविधान दिवस के बारे में जानकारी देते हुए संस्था प्रमुख श्रवण कुमार यादव ने बताया कि भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया था. शासकीय प्राथमिक शाला कोसा के बच्चों को संविधान की मूल भावना और उद्देश्य को समझाने की दृष्टि से संविधान दिवस पर संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया.
विशेष कार्यक्रम आयोजित कर संविधान की प्रस्तावना पढ़ा गया तथा भारतीय संविधान पर केन्द्रित संगोष्ठी, समानता दौड़ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर इन कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओें को संविधान के संबंध में जानकारी के साथ साथ नई पीढ़ी संविधान की मूल भावना के अनुरूप स्वयं को ढाल कर अपने जीवन में अपनाने हेतु आह्वान किया गया.
संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी का संचालन करते हुए संस्था प्रमुख श्रवण कुमार यादव ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना, संविधान के लिए एक परिचय के रूप में कार्य करती है. 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसमें संशोधन किया गया था, जिसमें तीन नए शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था. संविधान की प्रस्तावना का निर्माण भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य करने के लिए किया गया. यह भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करती है और लोगों के बीच भाई चारे को बढावा देती है.
संगोष्ठी में सहायक शिक्षक संध्या साहू ने संविधान की प्रस्तावना के बारे में बताया कि संविधान की प्रस्तावना में लिखा गया है कि हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को न्याय, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा, उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए, दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं.”
इस संगोष्ठी में सहायक शिक्षक झमिक कुर्रे ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने प्रस्तावना के मूल शब्दों संप्रभुता, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य, न्याय, स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा इत्यादि की व्याख्या करते हुए जानकारी दिया. इस अवसर पर शासकीय प्राथमिक शाला कोसा में क्रियाशील बाल केबिनेट के पदाधिकारियों को भी उनके विचारों को अवसर उपलब्ध कराया गया, जिसमें प्रधानमंत्री गीतेश्वर यादव, उपप्रधानमंत्री मीनाक्षी मानिकपुरी, शिक्षा मंत्री समीर गोयल, स्वच्छता मंत्री प्रमोद गायकवाड़, अनुशासन मंत्री समीर सरसुधे, खेलकूद मंत्री नीलम गायकवाड़, पेयजल मंत्री डिकेन्द्र मार्कण्डेय, पर्यावरण संरक्षण मंत्री उल्लेश्वर मार्कण्डेय, स्वास्थ्य मंत्री सूरज गोयल, पुस्तकालय प्रभारी आर्यन मार्कण्डेय, स्मार्ट क्लॉस प्रभारी लोकेश डाहरे, सांस्कृतिक प्रभारी प्रीति मार्कण्डेय, मध्यान्ह भोजन प्रभारी सुहाना मार्कण्डेय सहित कक्षा सांसदों ने भी भाग लिया. इस अवसर पर आयोजित समानता दौड़ में बाल केबिनेट के पदाधिकारियों सहित सभी स्कूली बच्चों ने सहभागिता दिया. इस कार्यक्रम में रसोइया लक्ष्मी यादव, लता यादव का भी विशेष सहयोग रहा.