हाथरस. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे के एक दिन बाद भी अभी तक सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. सिकंदराराऊ थाने सिर्फ एक सेवादार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. बता दें कि इस बाबा का अपराध की दुनिया से पुराना नाता रहा है. 24 साल पहले इस बाबा ने एक मरी हुई लड़की को जिंदा करने का दावा किया था और इस मामले में उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साकार हरि उर्फ सूरजपाल भोले बाबा का पुराना क्राइम रिकार्ड भी रहा है. आगरा के शाहगंज थाने में सन 2000 में भोले बाबा पर अंधविश्वास पाखंड फैलाने का केस दर्ज हुआ था. पुलिसिया रजिस्टर्ड में सूरजपाल के नाम से साकार विश्व हरी उर्फ भोलेबाबा का रिकॉर्ड लिखा है. इस मामले में भोले बाबा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने तब चमत्कारी उपचार अधिनियम के तहत दर्ज केस में उसे पकड़ा था. तब इस बाबा समेत सात लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. हांलाकि बाद में सबूतों के अभाव में कोर्ट से सबको बरी कर दिया गया था.
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24 साल पहले हुई थी गिरफ्तारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साकार हरि उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं थी. एक बच्ची उन्होंने गोद ले रखी थी, जिसकी कैंसर से मौत हो गई. शव को आगरा के मल्ल का चबूतरा शमशान घाट ले जाया गया, लेकिन अनुयाई इस बात पर अड़ गए थे कि भोले बाबा आएंगे और बच्ची को जिंदा करेंगे. वहीं भोले बाबा ने भी लड़की को जिंदा करने का दावा किया था. तब चार थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची थी और अनुयायियों पर लाठी चार्ज के बाद साकार हरि उर्फ भोले बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने अपनी तरफ से मुकदमा लिखते हुए कार्रवाई की थी, लेकिन सबूतों के अभाव में कोर्ट से सूरजपाल साकार हरि उर्फ भोले बाबा समेत 7 लोग बरी हो गए थे.
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बाबा के खिलाफ कई मामले दर्ज
बता दें कि साल 2000 में दर्ज FIR की कॉपी प्राप्त की. इसमें भोले बाबा पर 2(गा)7 ओसाद और चमत्कारी उपचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. 224/2000 मुकदमा संख्या है. इस मामले में दिसंबर 2000 में ही एफआर लग चुकी थी. बाबा के ऊपर छह मुकदमे हैं, जिसमें यौन शोषण का केस भी शामिल है.
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