शब्बीर अहमद, भोपाल। उत्तर प्रदेश के हाथरस सत्संग हादसे के बाद मध्य प्रदेश सरकार अलर्ट मोड पर है। गृह विभाग ने कलेक्टर और एसपी को सामाजिक और धार्किम आयोजनों में अव्यवस्था, भगदड़ या दुर्घटना जैसी अप्रिय स्थितियों से निपटने के निर्देश दिए है। सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और भोपाल-इंदौर के पुलिस आयुक्तों को आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिये है। साथ ही गृह विभाग ने आयोजकों को स्पष्ट व लिखित निर्देश जारी करने की बात कही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशों के परिपालन में प्रदेश में सामाजिक व धार्मिक आयोजनों के प्रबंधन में समुचित सुरक्षा व्यवस्था के लिये गृह विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किये है। इन आयोजनों में अव्यवस्था या भगदड़ अथवा अन्य दुर्घटनाओं जैसी अप्रिय स्थितियों से निपटने के लिये प्रदेश के सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और भोपाल-इंदौर के पुलिस आयुक्तों को आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिये गये है। इससे प्रदेश में समय-समय पर होने वाले विभिन्न प्रकार के सामाजिक एवं वृहद स्तर पर होने वाले धार्मिक आयोजनों में बेहतर व्यवस्थाएं हो सकेंगी। साथ ही बेहतर प्रबंधन से सम्भावित दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकेगी।
गृह विभाग ने निर्देशित किया है कि आयोजकों को स्पष्ट व लिखित निर्देश जारी करें। प्रशासन वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आयोजन स्थल का भ्रमण करें, परिस्थितियों का आंकलन कर संभावित अव्यवस्थाओं को नियंत्रित करने के लिये सभी प्रबंधन किया जाना सुनिश्चित करायें।
प्रवेश और निर्गम पर श्रद्धालुओं की संख्या नियत रखें
संभावित भगदड़ को रोकने की समुचित व्यवस्था के लिये आगमन और निर्गम के रास्तों की सुव्यवस्थित बैरिकेडिंग कर व सुचारू रूप से भीड़ पर समुचित नियंत्रण किया जाये। विपरीत दिशा में लोगों के अचानक बढ़ती भीड़ को रोकने व विपरीत दिशाओं में जाती अत्यधिक भीड़ के बीच होने वाले टकराव को रोकने की भी व्यवस्था की जाये। कार्यक्रम स्थल के सभी सकरे प्रवेश और निर्गम द्वारों को चिन्हित कर इनसे प्रवेश एवं निर्गम करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नियत की जाये।
आने-जाने के रास्ते अलग अलग निर्धारित करें
श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए अलग अलग मार्ग निर्धारित किए जाएं और यथा-संभव महिला-पुरुष के लिए अलग अलग व्यवस्थाएं की जाए। यदि प्रवेश व निर्गम के लिये एक ही द्वार हो, तो कार्यक्रम के लिये अस्थाई द्वार बनाने अथवा किसी अन्य व्यवस्था द्वारा संभावित खतरे को कम करने के लिये आवश्यक प्रबंध किये जाये।
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आपातकालीन व्यवस्थाओं का बेहतर प्रबंधन करें
आपात स्थिति में भगदड़ रोकने के लिये आपातकालीन द्वार व प्रेशर रिलीज प्वाईन्ट पूर्व से ही चिन्हित कर, उसे आपात स्थिति के दौरान खोलने के लिये प्रक्रिया निर्धारित की जाए। लोगों की सुरक्षा के लिए CCTV कैमरे, लाउडस्पीकर की व्यवस्था, वॉच टावर की व्यवस्था रखी जाये। यातायात प्लान व जगह-जगह पर पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कार्यक्रम स्थल पर अग्निशमन यंत्रों को आयोजकों द्वारा लगाया जाना सुनिश्चित किया जाये।
आयोजन के दौरान अग्निशमन वाहनों, एंबुलेंस आदि आपातकालीन वाहनों को व्यवस्थित रूप से रखने के लिए स्थल निर्धारित किया जाये। कार्यक्रम स्थल पर समुचित बिजली, शुद्ध पेय जल और सुलभ शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। विद्युत व पानी की व्यवस्था का अचानक और लंबे समय तक ठप्प होने की स्थिति में वैकल्पिक साधनों जैसे कि जनरेटर, पानी के टैंकर इत्यादि की व्यवस्था की जाये। आयोजन स्थल पर चिकित्सा सुविधा व्यवस्था रखी जाए साथ ही चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाए। मौके पर एंबुलेंस भी दवाईयों के साथ रखी जाए।
आयोजन स्थल के नजदीक नदी-नाला होने पर अस्थाई पूल बनाएं
आयोजन स्थल के पास नदी, नाला आदि हो तो वहां सेवादार और पुलिस बल की तैनाती के साथ नॉव व गोताखोर की व्यवस्था रखी जाये और यदि उसे पार करने के लिए स्थाई पुल न हो तो अस्थाई पुल का निर्माण कराया जाए।
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प्रसाद, उपहार वितरण की व्यवस्थाओं का बेहतर प्रबंधन
उपहार/भोजन/प्रसाद/कंबल आदि के मुफ्त वितरण के दौरान भगदड रोकने की व्यवस्था की जाये एवं अधिक भीड़ होने पर सामग्री के वितरण पर प्रतिबंध लगाने के लिये आयोजकों को पर्याप्त निर्देश दिये जाये।
वॉलिंटियर्स का समुचित प्रबंध व प्रशासन का प्रभावी नियंत्रण रहें
वृहद स्तर पर होने वाले सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों के होने से पूर्व आयोजकों द्वारा प्रति 500 व्यक्तियों की भीड़ पर समुचित सेवादारों (वॉलिंटियर्स) का प्रबंध किया जाये। इन सेवादारों (वॉलिंटियर्स) के अलावा पुलिस प्रशासन भी अपने बल से भीड़ नियंत्रण और भगदड़ रोकथाम के लिये प्रभावी रूप से नियंत्रित करें। निर्देशों में कहा गया है कि सांप, बम आदि की अफवाह भी भगदड़ का कारण बन सकती है। ऐसी स्थितियों पर नियंत्रण के लिये आयोजक लाउडस्पीकर और अन्य ध्वनियंत्रों से एनाउन्समेंट करें।
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