बिलासपुर। आरोप पत्र जारी करने के बाद लगभग दो साल तक भी जांच पूर्ण नहीं होने से छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग में पदस्थ सहायक संचालक अजय कुमार श्रीवास्तव ने हाई कोर्ट ने याचिका दायर की थी. न्यायाधीश सचिन सिंह राजपूत ने याचिका की सुनवाई करते हुए सचिव एवं संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को विभागीय जांच निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कर तत्काल अंतिम आदेश पारित करने का आदेश दिया है. इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका : नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत पार्षदों ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग में पदस्थ सहायक संचालक अजय कुमार श्रीवास्तव के विरुद्ध अगस्त 2022 में एक आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच कार्यवाही प्रारंभ की गई थी. आरोप पत्र जारी करने के एक वर्ष पांच माह पश्चात् जांचकर्ता अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी की नियुक्ति की गई. उक्त विलंबपूर्ण एवं नियम विरूद्ध कार्यवाही से क्षुब्ध होकर अजय कुमार श्रीवास्तव ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्ती के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई.

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्ती ने छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया. उन्होंने बताया कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के विरूद्ध विभागीय जांच कार्यवाही की अधिकतम समयसीमा 6 माह है, जिसे अधिक से अधिक एक वर्ष के भीतर पूर्ण किया जाना अनिवार्य है. लेकिन सचिव एवं संचालक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा लगभग दो वर्ष पूर्ण हो जाने के पश्चात् भी याचिकाकर्ता के विरूद्ध संचालित विभागीय जांच पूर्ण नहीं की गई है.