संदीप शर्मा, विदिशा। शिक्षा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को अव्वल लाने की कवायद की जा रही है। वहीं दूसरी ओर कई ऐसी तस्वीर सामने आई है जो प्रशासन की मंशा पर पानी फेर सकती है। साथ ही प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है। विदिशा जिला में कई ऐसे स्कूलों का संचालन हो रहा है जहां पर 550 से अधिक बच्चे सड़क किनारे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। वहीं कई जगह तो शाला ही नहीं है। बच्चों को झोपड़ी में पढ़ाया जा रहा है जिससे किसी भी समय हादसे का डर लगा रहता है। 

यह तस्वीर है विदिशा जिले के लटेरी विकासखंड की जिसके अंतर्गत लगभग 20 से अधिक शालाएं भवन विहीन है। जहां-जहां भवन नहीं है, वहां के बच्चे खुले में बैठकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। बरसात के समय आए दिन जगह-जगह बिजली गिरने की रोज की खबरें आ रही है। ऐसे में मासूम बच्चों में भी डर बना रहता है कि कहीं बिजली गिरने से कोई हादसा न हो जाए। लटेरी विकासखंड के ग्राम कंचनपुर में प्राथमिक शाला दहलान में लगाई जाती है। जहां दो शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं। वहीं सपेरा टपरा गांव में शाला का संचालन एक पेड़ के नीचे किया जाता है। 

प्राथमिक शाला मोरी के स्कूल प्रभारी सुमेर सिंह सैनी का कहना है कि यहां पर शुरू से ही बच्चों को पढ़ाने के लिए भवन नहीं है। हर साल लिख कर देते हैं। इस साल भी वरिष्ठ अधिकारियों को लिख कर दिया है। उनका कहना है कि आपका भवन स्वीकृत हो चुका है। 

वहीं इस संबंध में लटेरी विकासखंड के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) वीरेंद्र बघेल का कहना है कि हमारे क्षेत्र में कुछ प्राथमिक शालाएं ऐसी है जिनके भवन नहीं है। उनका प्रस्ताव ऊपर भेज दिया गया है। जल्द ही भवन बनाए जाएंगे। 

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m