अनमोल मिश्रा, सतना। मध्य प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने शैक्षणिक स्तर पर सुधार लाने के साथ ही शैक्षणिक भवनों को दुरुस्त करने के लिए भले ही शासन पानी की तरह पैसा बाहा रहा हो. लेकिन सतना जिले में आज भी कुछ स्कूल ऐसे हैं, जो पेड़ के नीचे संचालित हो रहे हैं. हम बात कर रहे हैं जन शिक्षा केंद्र उचेहरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत इटहा खोखर्रा के मुंगहनी कला में संचालित शासकीय प्राथमिक पाठशाला की. पाठशाला में छात्रों की संख्या 30 के करीब है.

दरअसल, जिला मुख्यालय से महज 30 किमी दूर इस विद्यालय को 11 साल पहले खोल दिया गया था. लेकिन कभी किसी के मकान में या फिर शिक्षक खुद मकान किराए पर लेकर स्कूल संचालित रहे हैं. लेकिन बच्चों के लिए जरूरी आवश्यकताओं को नजरअंदाज कर दिया जा रहा है. दो दशक से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी न तो यहां पर कोई पेयजल की व्यवस्था है और न ही मिड डे मील बनाने के लिए रसोई घर का निर्माण कराया गया है.

बारिश के समय में बच्चों को एक कमरे में शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है, जबकि खुले मौसम में आम के पेड़ के नीचे बच्चों को शिक्षा ग्रहण करना पड़ता है. स्कूल के हेडमास्टर मीना पाठक ने बताया कि कई सालों से विद्यालय भवन की मांग की जा रही है. लेकिन अभी तक विद्यालय भवन का निर्माण नहीं किया जा सका. ज्यादातर वहां पर पढ़ने वाले बच्चे आदिवासी अंचल से हैं. जिन्हें विद्यालय भवन न होने के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

इधर, वहां के स्थानीय निवासी लगातार शासन और प्रशासन से विद्यालय भवन की मांग कर रहे हैं. जब इस मामले को लेकर डीपीसी विष्णु त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर कई बार विद्यालय भवन की मांग की गई है. लेकिन भवन अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ है.

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