कानपुर देहात. उत्तर प्रदेश में आस्था की आड़ में अंधविश्वास का खेल चल रहा है. हाथरस जिले के फुलरई गांव में पिछले मंगलवार को नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से सवा सौ लोगों की मौत हो गई. वहीं लगभग डेढ़ सौ लोग घायल हो गए. लेकिन हादसे के चार दिन बाद भी न तो इस बाबा के खिलाफ कोई एफआईआर हुई और न ही इसका कोई पता चला है. हाथरस कांड की चीख-पुकार अभी शांत नहीं हुई है और यूपी के कानपुर देहात में दूसरे बाबा का शोर सुनाने लगा है. कानपुर देहात में बोतल वाले बाबा ने हजारों की भीड़ जुटा ली. यह बाबा पानी से लोगों की सभी बीमारियां दूर करने का दावा करता है.
कानपुर देहात जिले के तहसील भोगनीपुर क्षेत्र के गांव चैन में हरि ओम बोतल वाले बाबा के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए थे. बोतल वाले बाबा ने पांच हजार भक्त आने का खुलासा किया है. हाथरस कांड के बाद भी प्रशासन नहीं जागा है. ऐसे पाखंड और अंधविश्वास फैलाने वाले बाबाओं को कार्यक्रम की छूट मिल जाती है और मासूम जनता जान से हाथ धो बैठती है. यह बोतल वाले बाबा सभी प्रकार की बीमारियों को पानी छिड़कर ठीक करने का दावा करता है. कानपुर देहात के चैन गांव में बोतल वाले बाबा ने अपना पंडाल लगाया. बताया जा रहा है कि बोतल वाले बाबा के पंडाल में पांच हजार की भीड़ जुटी हुई थी.
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कानून की उड़ रही धज्जियां
हरि ओम बोतल वाले बाबा का पानी से इलाज करने का दावा कानून की धज्जियां उड़ा रहा है. बता दें कि औषधि एवं जादुई उपचार अधिनियम, 1954 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जादुई या चमत्कार कर इलाज करने का दावा नहीं कर सकता है. इस अधिनयम के उल्लंघन करने वालों को 6 महीने तक का कारावास या जुर्माना, या दोनों और बाद में दोषसिद्धि की स्थिति में एक वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है. कानून होने के बाद भी पाखंडी बाबाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. प्रशासन पूरी तरह से मौन है.
देखिए बोतल वाले बाबा का वीडियो-
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