लखनऊ. धार्मिक कावड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है. कांवरिया हरिद्वार से गंगाजल लेकर चलते हैं. तो वह सबसे पहले मुजफ्फरनगर जनपद में दाखिल होते हैं. शनिवार को राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने प्रशासन और कावड़ संचालकों के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान मंत्री ने कहा कि हिंदू देवी-देवताओं का नाम प्रयोग मुस्लिम न करे. इस बयान पर अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने संविधान विरोधी बताते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की है.

राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कावड़ संचालकों को यात्रा के दौरान में शिविर में फायर और इलेक्ट्रिकल सुरक्षा बरतने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि शिविर को इस तरह लगाया जाए, ताकि सड़कों पर कावड़ को न रखा जाए. जिससे जाम और दुर्घटना की स्थिति न उत्पन्न हो सके. कपिल देव ने जिला प्रशासन को यात्रा मार्ग पर मुस्लिम होटल और ढाबों के बाहर स्पष्ट नाम लिखवाने के निर्देश दिए. उन्होंने तर्क दिया है कि, कावड़ मार्ग और पूरे हाईवे पर जो होटल और ढाबे हैं, उन्हें ज्यादातर मुस्लिम वर्ग के लोग संचालित करते हैं.

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उनका कहना है कि मुस्लिम वर्ग लोग हिंदू देवी देवताओं के नाम और फोटो का प्रयोग करके इसका संचालन कर रहे हैं. इससे कावड़िया और सनातन धर्म को मानने वाले लोग वैष्णो ढाबा समझकर खाना खाते हैं. यात्रा के दौरान कावड़ियों को मीट-मसाले से लेकर लहसुन और प्याज तक खाना परहेज होता है. ऐसे में उनकी भावनाएं आहत हो सकती हैं. इसलिए किसी झगड़े और विवाद से बचने के लिए सभी मुस्लिम ढाबा संचालक को अपना नाम बाहर लिखना चाहिए.

शाहनवाज़ आलम ने की निंदा

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में कहा कि जिन मंत्रियों को संविधान की जानकारी नहीं है या जो उसकी भावनाओं के विपरीत सोच रखते हैं उन्हें अपने पद पर नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि मन्त्री कपिल देव अग्रवाल का यह बयान संविधान के आर्टिकल 19 (1) (जी) के विरुद्ध हैं जो हर किसी को अपनी इच्छा से अपना व्यापार करने का अधिकार देता है और जिसमें अपनी इच्छा से ही अपने प्रतिष्ठान का नाम रखने का अधिकार भी निहित है. वहीं संविधान का आर्टिकल 15 धर्म, जाति और नस्ल के आधार पर भेदभाव को निषिद्ध करता है. इसलिए उनका बयान संविधान विरोधी है.

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