नई दिल्ली- भारत की महिला क्रिकेट टीम की सबसे सीनियर खिलाड़ी मिताली राज के मामले ने तूल पकड़ लिया है. टी-20 विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल के मुकाबले में ड्राप किए जाने के मामले को लेकर मिताली राज और कोच रमेश पोवार के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है. इस बीच मिताली राज के ट्वीट ने सबका ध्यान खींचा है. इस ट्वीट में मिताली राज ने लिखा है कि-
अपने ऊपर लगे आरोपों से बहुत ही ज्यादा आहत और दुखी हूं. खेल के प्रति समर्पण और देश के लिए मेरा 20 साल का योगदान, कड़ा परिश्रम, पसीना बेकार जाता दिख रहा है. यह मेरी जीवन का सबसे काला दिन है.
इधर मिताली राज के बीसीसीआई को लेटर लिखे जाने के बाद कोच रमेश पोवार ने भी पलटवार करते हुए दस पन्नों की अपनी रिपोर्ट बीसीसीआई को सौंपी है. इस रिपोर्ट में रमेश पोवार ने मिताली राज के रवैये पर सवाल उठाए हैं. पोवार ने अपनी इस रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया है कि मिताली राज ने उन्हें सेमी फाइनल मुकाबले में ओपनिंग का मौका नहीं दिए जाने पर सन्यास लेने की धमकी दी थी.
पवार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मिताली कोचों को ब्लैकमेल करती हैं और दबाव डालती है, जिसे बंद किया जाना चाहिए. उन्हें खुद से पहले टीम हित को देखना चाहिए. यही ई मेल मीडिया में लीक हो गया था, जिसके बाद बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी भड़के हुए हैं. इस मामले पर उन्होंने राहुल जौहरी और सबा करीम से सफाई मांगी है. फिलहाल मिताली राज और रमेश पोवार के बीच के इस विवाद पर बीसीसीआई बोर्ड ने चुप्पी साध ली है. हालांकि तमाम लोग अब बीसीसीआई पर नजर डाले बैठे हैं कि इस मामले का पटाक्षेप बोर्ड किस ढंग से करेगा.