Governor Ananda Bose: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) और राजभवन की ‘लड़ाई’ दिल्ली पहुंच गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस की शिकायत पर कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) कमिश्नर और डीसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है।  इन दोनों अधिकारियों पर राजभवन और राज्यपाल की छवि को धूमिल करने का आरोप है।

‘खूबसूरत महिलाओं को प्रेग्नेंट करो और लाखों कमाओ…’ हरियाणा में निकला यह अनोखा जॉब- Woman Pregnant Job

मंत्रालय ने यह कार्रवाई राज्यपाल सीवी आनंद बोस की एक रिपोर्ट के आधार पर शुरू की है, जो उन्होंने जून के आखिरी हफ्ते में सौंपी थी। इसके बाद ममता सरकार को कार्रवाई से जुड़ी चिट्‌ठी 4 जुलाई को भेज दी गई है।

बिहार में फिर खेल: CTET Exam Center से दो महिलाएं समेत 12 मुन्ना भाई गिरफ्तार, 50 हजार में हुई थी डील- Twelve Munna Bhai arrested

न दोनों अधिकारियों पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के दफ्तर को बदनाम करने का आरोप है। आरोपों के मुताबिक दोनों अफसरों ने राज्यपाल के दफ्तर को लेकर झूठी अफवाहें फैलाईं। बता दें कि इससे पहले राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में कोलकाता पुलिस कमिश्नर और डीसीपी सेंट्रल पर गलत तरीके से काम करने का आरोप लगाया था।

Supreme Court: NEET-UG Exam मामले पर सुप्रीम सुनवाई आज, 24 लाख छात्रों का इंतजार होगा खत्म?

जून के आखिरी सप्ताह में भेजी थी चिट्ठी

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने जून के आखिरी सप्ताह में केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि कोलकाता पुलिस के अधिकारियों द्वारा लोकसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को राजभवन में जाने से रोका जा रहा है। राज्यपाल ने पहले ही मुलाकात की अनुमति दे दी थी इसके बाद भी पीड़ितों को राजभवन जाने से रोका गया। जानकारी के मुताबिक राज्यपाल की इस चिट्ठी पर एक्शन लेते हुए गृह मंत्रालय ने इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। इस संबंध में जारी आदेश की एक प्रति राज्य सरकार को भी भेजी गई है।

Mumbai BMW Case: पिता और ड्राइवर गिरफ्तार, लेकिन हिट एंड रन केस का आरोपी मिहिर शाह फरार

बोस की रिपोर्ट में इन बातों का जिक्र…

  • कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को राज्यपाल की अनुमति के बावजूद उनसे मिलने से रोका।
  • राजभवन में तैनात पुलिस अधिकारियों ने अप्रैल-मई 2024 के दौरान एक महिला कर्मचारी के मनगढ़ंत आरोपों को बढ़ावा दिया और प्रोत्साहित किया।
  • राज्यपाल की आपत्ति के बावजूद राजभवन के कर्मचारियों को आईडी जारी की। उनके आने-जाने पर तलाशी लेने की नई प्रथा शुरू की।
  • चुनावी हिंसा पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को बोस से मिलने से रोकना और बाद में उन्हें हिरासत में लेना राज्यपाल के संवैधानिक अधिकार का अपमान है।

राज्यपाल ने पहले CM ममता को लिखी थी चिट्‌ठी
हालांकि कोलकाता पुलिस और गवर्नर के बीच चल रही ये तनातनी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अछूती नहीं थी। गवर्नर बोस ने ममता को चिट्‌ठी लिखकर गोयल और मुखर्जी के खिलाफ कार्रवाई की अपील की थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया और न ही उनके कार्यालय से कोई संवाद किया गया। बोस ने अपनी शिकायत में चोपड़ा हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए सिलीगुड़ी की हालिया यात्रा का भी जिक्र किया, जिसमें राज्य के कुछ अधिकारियों के आचरण पर सवाल उठाया गया।

नाबालिग गर्लफ्रेंड का गैंगरेप करवाने के बाद दी ऐसी मौत, जिसे सुनकर आपका कलेजा फट पड़ेगा- Shreya Murder Case

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H