राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के बागी विधायक रामनिवास को सोमवार को मंत्री पद की शपथ के बाद प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है। मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी और सरकार पर सियासी हमला बोला है।

यह कर्ज, क्राइम, करप्शन की सरकार

उन्होंने सोशल मीडिया एक्स (X) पर लिखा है कि- यह स्थापित परंपरा है कि सरकार और विपक्ष अलग होते हैं, लेकिन लोकतंत्र की हत्या व कुर्सी की सौदेबाज़ी के लिए कुख्यात @BJP4India ने कांग्रेस विधायक को ही मंत्री पद की शपथ दिला दी! यह लोकतंत्र और संविधान का प्रमाणिक अपमान है! जबकि, कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए भी विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पर्याप्त आधार एवं प्रमाणिकता के साथ प्रतिवेदन दिया था! दुर्भाग्य से उन्होंने भी कर्तव्य-पालन नहीं किया! महामहिम राज्यपाल को भी संविधान/लोकतंत्र की परंपराओं का पालन करना था! क्योंकि, वे दल नहीं, संविधान के आदेश पालन के लिए नियुक्त किए गए हैं! लेकिन, संविधान के शीर्ष पद से भी असहमति दर्ज नहीं की गई! मैं मध्यप्रदेश की जनता को फिर बताना चाहता हूं कि यह कर्ज, क्राइम, करप्शन की सरकार है! यह बार-बार खरीद-फरोख्त और दलबदल की राजनीति का अपराध कर रही है!

मेरे मंत्री पद से विपक्ष को दिक्कत तो कानूनी कार्रवाई करें

इधर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के आरोपों पर मंत्री रामनिवास रावत ने कहा कि- जल्द विधायक पद से इस्तीफा दूंगा। मैं इस्तीफा दूंगा विपक्ष चिंता ना करें। मेरे मंत्री पद से विपक्ष को दिक्कत तो कानूनी कार्रवाई करें। विपक्ष को जवाब देने के लिए मैं तैयार हूं। बीजेपी वाला कमान का धन्यवाद दूंगा जिन्होंने मुझे यह मौका दिया। मैंने शपथ ली है क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ताओं के लिए, मैं दो बार चुनाव हारा हूं वह कांग्रेस के कारण। मैं 6 बार का विधायक हूं, दो बार हार कांग्रेस के नेताओं के कारण हुई है। लोकसभा चुनाव में ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया जो कांग्रेस में तक नहीं था।

बीजेपी में पुराने नेता दरकिनार- पीसी शर्मा

पीसी शर्मा बोले बीजेपी किस तरीके से हड़बड़ी में है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगा सकता है कि कांग्रेस के विधायक को बीजेपी ने मंत्री पद की शपथ दिला दी। रावत कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। बीजेपी के पुराने नेताओं को दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि- गोपाल भार्गव सहित कई वरिष्ठ नेताओं का भाजपा में अपमान हुआ है। मीडिया में खबरें थी कि भाजपा के भी कुछ सीनियर नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे साफ है कि दूसरे दलों से आए लोगों को बीजेपी मौका दे रही है और अपने नेताओं पर भरोसा नहीं जाता रही है।

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