हाथरस. उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से सवा सौ लोगों की मौत हो गई. वहीं लगभग ढेड़ सौ लोग घायल हो गए. इस हादसे के बाद सुर्खियों में आए सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की मुसीबत बढ़ने वाली है. भोले बाबा समेत कई भगवाधारियों और कथावाचकों को अब फर्जी बाबा घोषित किया जाएगा. इसको लेकर साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद प्रयागराज में बड़ी बैठक करेगी.

अखाड़ा परिषद की बैठक प्रयागराज में कुंभ मेला प्रशासन के साथ 18 जुलाई को प्रस्तावित है. इस बैठक से थोड़ा पहले या बाद प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की बैठक होगी. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक कुंभ मेला प्रशासन के साथ होने वाली बैठक में भी नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा जैसे फर्जी संतों के मुद्दे को जोर- शोर से उठाया जाएगा. जरूरत पड़ी तो अखाड़ा परिषद का प्रतिनिधि मंडल सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनके सामने भी इस मुद्दे को उठाएगा. मेला प्राधिकरण से अनुरोध किया जाएगा कि खुद के भगवान होने का दावा करने वाले भोले बाबा जैसे फर्जी बाबाओं को महाकुंभ में जमीन व दूसरी सरकारी सुविधाएं न दी जाए. मेला प्राधिकरण को ऐसे स्वयंभू भगवानों की लिस्ट भी दी जाएगी. अखाड़ा परिषद पहले भी आसाराम बापू समेत कई कथावाचकों को फर्जी संत घोषित कर चुका है.

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महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक हम सब मनुष्य हैं भगवान नहीं है. हम सब भगवान के अनुयायी हैं. जो भी बाबा या कथा वाचक खुद के अवतारी होने या चमत्कार दिखाने का दावा करता है वह सभी फर्जी संत हैं और उनका धर्म आध्यात्मिक से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे लोग ही संत समाज की गरिमा को गिराते हैं और उसे धूमिल करने का काम करते हैं. महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक अखाड़ा परिषद अब खुद ही भोले बाबा जैसे पाखंडियों का पर्दाफाश करेगा और लोगों को ऐसे फर्जी बाबाओ से दूर रहने को कहेगा.

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