सिग्नेचर करना भी एक कला है। ऐसा इसलिए क्योंकि सिग्नेचर अगर वास्तु दृष्टि से उचित हो तो आपको जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए मददगार सिद्ध होता है, लेकिन अगर सिग्नेचर वास्तु नियमों के अनुसार न हो तो जीवन में किसी भी क्षेत्र में तरक्की पाने में बाधक बनता है। सिग्नेचर से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जो वास्तु शास्त्र में बताई गई हैं। ठीक ऐसे ही वास्तु शास्त्र में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने सिग्नेचर के नीचे रेखा यानी कि लाइन खींचे तो वह सही है या गलत। तो चलिए जानते हैं इस बारे विस्तारपूर्वक।

क्या साइन के नीचे लाइन खींचनी चाहिए

1-वास्तु शास्त्र कहता है कि साइन करने के बाद उसके नीचे लाइन खींच सकते हैं लेकिन वह लाइन सिग्नेचर यानि कि हस्ताक्षर से बड़ी होनी चाहिए और सीधी होनी चाहिए। यानी कि अगर आप साइन करने के बाद उसके नीचे लाइन खींचते हैं तो साइन से छोटी नहीं बल्कि बड़ी लाइन खींचिए।
2-साथ ही, लाइन को बड़ा रखें लेकिन उसे मोड़ें नहीं। अक्सर लोग लाइन बड़ी तो रखते हैं लेकिन उसे आगे से मोड़ देते हैं। ऐसी लाइन नाम के आगे आ जाती है और एक प्रकार से आपके हस्ताक्षर का मार्ग काटती है। लाइन अगर आपके सिग्नेचर को काटे तो इसका अर्थ है आपकी तरक्की रुकना।


3-अगर आप सिग्नेचर के नीचे लाइन बनाते हैं तो एक लाइन से ज्यादा कभी भी लाइनें न बनाएं। वास्तु शास्त्र कहता है कि ज्यादा लाइन्स होने के मतलब है कंफ्यूजन होना। जिस व्यक्ति के हस्ताक्षर के नीचे एक से ज्यादा लाइन होती है वह हमेशा उलझा हुए ही रहता है और निर्णय नहीं ले पाता।