राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी के खिलाफ ‘ऑनलाइन’ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी को गंभीरता से लिया है. दिल्ली पुलिस से महिला आयोग ने कहा है कि आरोपी के खिलाफ न केवल मुकदमा दर्ज करे बल्कि सख्त कार्रवाई भी करे. आरोपी दिल्ली का रहने वाला है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को जारी एक पत्र में विशेष कानूनी प्रावधानों का भी जिक्र किया है. इनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 79 और सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2000 की धारा 67 शामिल है.
बीएनएस में है 3 साल सजा का प्रावधान
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से किए गए कृत्य को दंडित करने का प्रावधान करती है. जबकि आईटी अधिनियम की उक्त धारा इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में अश्लील सामग्री के प्रकाशन या प्रसार के लिए दंड से संबंधित है.
अपने पत्र में महिला आयोग ने इन कानूनों के तहत दिए जाने वाले दंड का जिक्र करते हुए कहा है कि इन अपराधों के लिए पहली बार के अपराधकर्ताओं को तीन साल तक की जेल और जुर्माना तथा दोबारा अपराध करने वालों को और कठोर दंड का प्रावधान है.
पुलिस 3 दिन के अंदर करे कार्रवाई
NCW ने दिल्ली पुलिस को उक्त व्यक्ति के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने और तत्काल आरोपी को गिरफ्तार करने को कहा है. आयोग ने पुलिस ने इस मामले की निष्पक्ष एवं समयबद्ध जांच की भी मांग की है. साथ ही 3 दिन के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है.
कीर्ति चक्र विजेता कैप्टन अंशुमन सिंह पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के सेना मेडिकल कोर का हिस्सा थे. वह ऑपरेशन मेघदूत के दौरान सियाचिन में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर तैनात थे. 19 जुलाई 2023 को सियाचिन के चंदन ड्रॉपिंग जोन में हुई भीषण अग्निदुर्घटना के दौरान अंशुमन ने वहां फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की थी. इसी दौरान मेडिकल इंवेस्टिगेशन सेंटर तक आग फैल गई. ये देखकर कैप्टन अंशुमन ने अपनी जान की परवाह किए बगैर उसमें कूद गए थे.
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