शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग में अब 60 करोड़ का एफडीआर स्कैम का मामला उजागर हुआ है! जहां हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के ओएसडी ने पहले निजी बैंक में खाता खुलवाया। इसके बाद सरकारी बैंक में ट्रांसफर कर लिया। तीन साल के बाद OSD ने खुद पीएस को पत्र लिखकर भूल बताई है।
एमपी के उच्च शिक्षा विभाग में एक और गड़बड़ी का मामला सामने आया है। राजीव गांधी विश्वविद्यालय के बाद अब उच्च शिक्षा विभाग के अंदर करीब 60 करोड़ एफडीआई घोटाला हुआ। B.ed और D.ed की राशि को धीरे-धीरे कर निजी अकाउंट में ट्रांसफर किया गया, लेकिन मामला बिगड़ता देख बाद में त्रुटि बताते हुए फिर से उसे उच्च शिक्षा विभाग के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया।
उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी धीरेंद्र शुक्ला ने विभाग के पीएस को पत्र लिखते हुए कहा कि 60 करोड रुपए जो सरकारी बैंक में ट्रांसफर होने थे, वह निजी अकाउंट में गलती से ट्रांसफर हो गए। उसे फिर से सरकारी अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया हैं। बताया जा रहा है कि 2 साल तक निजी बैंक को फायदा पहुंचाने के बाद सरकारी बैंक में फंड ट्रांसफर कराया गया। साल 2022 में 17 करोड़ 86 लाख और साल 2023 में 22 लाख 50 हजार निजी बैंक में जमा हुए।
अब इस पूरे मामले में सवाल उठा रहा है कि क्या जानबूझकर ये घोटाला हुआ है या फिर त्रुटि वश पैसे निजी अकाउंट में ट्रांसफर किए गए। क्योंकि गलती तब मानी गई है जब आरजीवीपी के कुलपति के खिलाफ निजी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर हड़पने के आरोप लगे हैं और उस मामले में कई गिरफ्तारी भी हो चुकी है। क्या उच्च शिक्षा विभाग के OSD धीरेंद्र शुक्ला को भी इस मामले में खुलासा होने का डर था ? जिसके बाद उन्होंने अपने विभाग के पीएस को पत्र लिखकर इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। आपको बता दें धीरेंद्र शुक्ला OSD के तौर पर 10 साल से पदस्थ हैं।
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