Kissing Disease: मेडिकल साइंस में लिप किस (LIP KISS), हिंदी में कहे तो चुंबन को खुश रहने की दवा माना गया है। किस करने से दिमाग में अच्छे रसायनों को एक कॉकटेल रिलीज होने लगता, जो हमारे स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। हालांकि यही किस अब लोगों के लिए बीमारी का कारण बनते जा रहा है। किसिंग डिजीज ने कई देशों में खतरे की घंटी बजा दी है। ब्रिटेन समेत कई देश ग्लेंडुअर फीवर यानी किसिंग डिजीज (kissing Disease)के खतरे में आ गए हैं।
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दरअसल व्यक्ति की लार के संपर्क में आने से होने वाली ये संक्रामक बीमारी ग्लैंडुलर बुखार (glandular fever)का कारण बन जाती है। ब्रिटेन में इस वायरस से संक्रमित एक कॉलेज स्टूडेंट को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चुंबन से होने वाली इस बीमारी किसिंग डिजीज भी कहा जाता है। हालांकि, मेडिकल भाषा में मेडिकल भाषा में इंफेक्शियस मोनोन्यूक्लियोसिस(infectious mononucleosis) भी कहा जाता है। यह बीमारी एपस्टीन-बार वायरस (EBV) के कारण होती है, जो लार से फैलता है। क्योंकि वह बीमारी आमतौर पर किस करने से फैलती है, इसलिए इसे किसिंग डिजीज भी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि ये क्या बीमारी है और इसके लक्षण क्या हैंः-
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क्या है किसिंग डिसीज
किसिंग डिजीज एपस्टीन बर्र नामक वायरस से इंसान में फैलती है। इसके बाद संक्रमित व्यक्ति की लार से ये बीमारी दूसरे शख्स को संक्रमित कर देती है। किस करने यानी चूमने,खांसने और छींकने के साथ साथ एक चम्मच से खाने, एक ही सिगरेट पीने, एक गिलास से पानी पीने और एक स्ट्रॉ से कुछ पीने से भी ये वायरस संक्रमण फैला रहा है।
क्या है इसके लक्षण
अगर किसी को किसिंग डिजीज हो जाए तो इसमें बहुत अधिक थकान होती है। साथ ही गले में खराश और बुखार भी लग जाता है. गर्दन और आर्म्सपिट के पास जो नसें होती है वह सूज जाती है। कुछ लोगों में टॉन्सिल भी सूज जाती है. इन सबके अलावा स्किन में रैशेज, सिर दर्द और स्प्लीन में सूजन भी हो सकती है। तेज बुखार के साथ साथ बॉडी पर रैशेज होना, सिर में और शरीर में दर्द होना, भूख मर जाना, लिवर में दर्द होना भी इसके लक्षण हैं। इस बीमारी को किसिंग डिजीज इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ये लार यानी स्लाइवा के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाती है।
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क्या है इलाज
ज्यादातर युवाओं में शरीर अपने आप इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है। इससे अपने आप ठीक हो जाता है। अगर नहीं ठीक होता है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक लेने की सलाह देते हैं। इस बीमारी से बचने का यही तरीका है कि अगर किसी को यह बीमारी है तो वह दूसरे के साथ लिप किस न करें और खाने के बर्तन में या साथ में भोजन न करें।
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