मनोज सिंह, रायपुर। कोरबा जिले में बन रहे सर्वेश्वर एनीकट घोटाला मामले में जल संसाधन विभाग के सचिव जीएस मिश्रा और इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ईओडब्ल्यू के चीफ मुकेश गुप्ता आमने सामने आ गये हैं. इस मामले में जीएस मिश्रा के एक पत्र ने बवाल मचा दिया है.

पत्र में जीएस मिश्रा ने बिलासपुर के चीफ इंजीनियर को निर्देश दिये हैं कि वो बिना विभागीय अनुमोदन के ईओडब्ल्यू को किसी भी तरह की जानकारी न दें. इस बात पर ईओडब्ल्यू के चीफ मुकेश गुप्ता ने नाराजगी जाहिर करते हुुए मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है.

पत्र में मुकेश गुप्ता ने लिखा है कि ईओडब्ल्यू -एसीबी को आईपीसी की धाराओं के तहत जांच का अधिकार दिया गया है और जांच में किसी तरह का अवरोध पैदा करने वाला व्यक्ति भी दंड का भागी बन सकता है.

दरअसल सर्वेश्वर एनीकट घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू ने बिलासपुर संभाग के चीफ इंजीनियर समेत दूसरे अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. इसमें 41 करोड के जारी किये गये टेंडर को निरस्त कर दूसरी कंपनी को 56 करोड़ का टेंडर देने का आरोप लगाया गया है.

इस मामले में ईओडब्ल्यू ने 14 जुलाई को पत्र लिखकर बिलासपुर के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी तलब की थी, लेकिन विभाग के सचिव ने 17 जुलाई को एक पत्र लिखकर यह कह दिया कि बिना विभागीय अनुमोदन के ईओडब्ल्यू को कोई जानकारी नहीं दी जा सकती, क्योंकि ऐसा करने पर भ्रम की स्थिति बन सकती है और इससे विभाग की छवि पर बुरा असर पड़ सकता है.