इमरान खान, Khandwa News: मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश अपना रूद्र रूप दिखा रही है, लेकिन वही खंडवा में बारिश की खेंच ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. दो से तीन दिन में अगर बारिश नहीं हुई तो खेतों में खड़ी फसलों पर कीट प्रकोप का अंदेशा बढ़ जाएगा. सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक का खतरा भी बढ़ गया है. फसलों को बीमारी लगने से उत्पादन कम होने की चिंता भी किसानों को सता रही है.

जिले में इस साल कृषि विभाग ने 3.28 लाख हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बोवनी का लक्ष्य रखा था. मानसून सक्रिय होने के बाद जून के अंतिम सप्ताह व जुलाई की शुरुआत तक जिले के लगभग सभी ब्लाकों में किसानों ने अपने खेतों में फसलों की बोवनी भी कर दी. लेकिन पिछले चार-पांच दिनों से बारिश नहीं होने से खेतों में अंकुरित व पौधों के रूप में खड़ी फसलें प्रभावित होने लगी हैं.

जमीन में नमी कम होने का असर अब फसलों पर पड़ने लगा है. किसानों के अनुसार दो से तीन दिन में बारिश नहीं हुई तो फसलों पर बीमारी फैलने लगेगी. जिसका असर फसल की ग्रोथ व उसके उत्पादन पर पड़ेगा. खंडवा जिले में सोयाबीन और कपास का रकबा सबसे ज्यादा है. 3.28 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलें बोई गईं हैं.

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जिले के सात ब्लाक में धान 4370, ज्वार 1 हजार, मक्का 31 हजार, बाजरा 40, अन्य 25, अरहर 5 हजार, उड़द 3 हजार, मूंग 1240, कुल्थी 30, मूंगफली 1600, तिल 200, सोयाबीन 205890, अन्य 40, अन्य खरीफ 14165 व कपास की बोवनी 61 हजार हेक्टेयर रकबे में हुई है.

किसानों की बढ़ी चिंता

किसान सुभाष पटेल का कहना है कि जून में ही मौसम विभाग ने बहुत बारिश की घोषणा कर दी थी. जिसके चलते किसानों ने प्री मानसून में ही बोवनी कर दी थी. लेकिन अभी तक जिले में ऐसी बारिश हुई नहीं है. किसानों ने मक्का, कपास, सोयाबीन की फसल लगा दी है. ऐसे में अगर दो चार दिन में बारिश नहीं हुई तो फसलें सूखने के कगार पर आ जाएंगी.

सुभाष पटेल, किसान

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