संदीप शर्मा, विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा में बुधवार को नेशनल हाईवे 752 बी पर आगे आगे ट्रैक्टर और पीछे-पीछे कानून का काफिला देखकर हर कोई हैरान था। यह किसी फिल्म की शूटिंग का नजारा नहीं था। यह रियल लाइफ का नजारा था। दरअसल बुधवार की सुबह  वन अमले का सामना वन अपराध कर रहे आरोपियों से हो गया। 

सुबह तड़के पांच बजे सूचना के आधार पर वन अमला विदिशा के कोलुआ पठार के जंगल में पहुंचा वहां पर ट्रैक्टर द्वारा जंगल की जमीन को खेती के लिए तैयार किया जा रहा था। वन अमले द्वारा ट्रैक्टर को रोककर पूछताछ की गई। इस दौरान एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से आया और वन अमले से विवाद करने लगा। इसी बीच ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर को चालू कर मौके से फरार हो गया। 

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वन अमले ने तत्काल वरिष्ठ अधिकारी को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही लटेरी सिरोंज रास्ते पर सशस्त्र बल के साथ पुलिस दल बनाकर रवाना किया गया। गंभीर स्थिति को देखते हुए पुलिस बल के सहयोग से थाना मुरवास को सूचना देने के साथ ही बैरिकेडिंग की गई। ट्रैक्टर चालक इस बीच हाईवे से रास्ता बदलकर काछीखेड़ा से पगरानी रोड पर ट्रैक्टर को मोड कर भागने लगा। वन अमला भी लगातार उसका पीछा करता रहा। इस बीच नाकाबंदी कर ट्रैक्टर को पगरानी के कच्चे रास्ते पर पकड़ा गया। 

वन विभाग ने प्लाऊ, सूपा ब्लेड समेत ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है। वहीं वन अपराध प्रकरण के तहत मामला दर्ज किया गया। इस कार्रवाई के दौरान एक ट्रैक्टर, एक बोलेरो जीप, एक मोटरसाइकिल, सागौन की लकड़ियों सहित तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। जिसमें सुनील पुत्र शेरसिंह यादव, संजीव पुत्र बहादुर यादव, शेरसिंह पुत्र कमरलाल यादव निवासी भीलाखेड़ी  शामिल है। 

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