सुप्रीम कोर्ट में NEET पेपर लीक पर शुक्रवार (12 जुलाई) को सुनवाई होने वाली है. NEET पेपर लीक से जुड़ी याचिकाओं को आइटम नंबर 40 से 45 के बीच लिस्ट किया गया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि NEET पर सुनवाई कल तक के लिए टाल दी गई है. चीफ जस्टिस ने कहा कि कल NEET के मामले को 1 आइटम नंबर के तौर पर सुना जाएगा.

मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG में हुई गड़बड़ियों के चलते एग्जाम रद्द कर दोबारा कराने की मांग वाली कई याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट फिर से सुनवाई . मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इससे एक दिन पहले बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से NEET पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है. हलफनामे में कहा गया है कि NEET-UG परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई. केंद्र सरकार की ओर से कहा है कि वह NEET एग्जाम फिर से कराने के पक्ष में नहीं है. जुलाई 2024 के तीसरे हफ्ते से NEET काउंसलिंग शुरू होगी. इस दौरान अगर पाया जाता है कि किसी भी छात्र ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उसका परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया जाएगा.

पटना से बाहर बड़े स्तर पर NEET पेपर लीक नहीं

NTA ने कहा है कि पटना के 12 केंद्रों से केवल 175 और गोधरा के 2 केंद्रों से 8 अभ्यर्थी ही NEET-UG परीक्षा में 640 या उससे अधिक अंक प्राप्त करने में सफल रहे. जांच के दायरे में आए गोधरा केंद्रों से किसी भी अभ्यर्थी ने 680 या उससे अधिक अंक प्राप्त नहीं किए, और पटना केंद्रों से केवल 35 उम्मीदवारों ने यह स्कोर प्राप्त किया. एनटीए ने दावा किया है कि NEET का पेपर सिस्टेमैटिक लीक नहीं हुआ है. NEET के अधिकारियों ने बताया कि शीर्ष 1000, 5000 और 10,000 अभ्यर्थी 800 से अधिक एग्जाम सेंटरों से हैं और जरूरी नहीं कि वे जांच के दायरे में आए परीक्षा केंद्रों के समूह से हों. NTA ने कहा है कि उसके डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि पटना से बाहर बड़े लेवल पर पेपर लीक का संकेत नहीं मिला है. NTA डेटा एनालिसिस में यह भी कहा गया है कि जिस उम्मीदवार की टेस्ट बुकलेट की जांच की गई थी, उसे केवल 103 अंक मिले थे. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक NTA के एक अधिकारी ने कहा, “बिहार पुलिस ने जिस रोशनी नाम की लड़की की बुकलेट जब्त की थी, उसके 720 में से 103 अंक हैं.”

सरकार ने IIT से कराया NEET रिजल्ट का विश्लेषण

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने NEET परीक्षा परिणाम के डेटा के विश्लेषण के लिए IIT मद्रास से मदद मांगी थी. IIT मद्रास ने साल 2023 व 2024 के शहरवार डाटा में शीर्ष 1.4 लाख रैंक वालों को शामिल किया. परीक्षण यह बताने के लिए पर्याप्त था कि क्या किसी शहर या परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थी को गड़बड़ी का लाभ मिला. हालांकि परीक्षण ने साबित किया कि ऐसा नहीं हुआ. किसी खास शहर या केंद्र में बड़े पैमाने पर बच्चों को असाधारण अंक नहीं मिले हैं. यह जरूर सामने आया कि छात्रों के अंकों में उछाल आया है. यह रेंज 550 से 720 के बीच है. लेकिन, इसके लिए पाठ्यक्रम में 25 फीसदी की कटौती को श्रेय दिया जा सकता है. है. साथ ही, उच्च अंक पाने वाले छात्र विभिन्न शहरों और केंद्रों में फैले हैं. इसके साफ संकेत हैं कि उच्च अंक मिलने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.

क्या है NTA का पक्ष

एक अलग हलफनामे में NEET-UG का आयोजन कराने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने कोर्ट से कहा है कि सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम पर लीक हुए क्वेश्चन पेपर की तस्वीरें दिखाने वाले वायरल वीडियो फर्जी थे. NTA ने कहा है कि उसने राज्य, शहर और केंद्र स्तर पर NEET परीक्षा में नंबर कैसे दिए गए इसका विश्लेषण किया था. NTA ने अपने हलफनामे में कहा, “यह विश्लेषण दिखाता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसी कोई वजह नहीं दिख रही जो नंबर देने को प्रभावित कर सके. वहीं परीक्षा और परिणामों ने लगातार हो रही गड़बड़ी के बाद NTA के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं.