मुनक नहर की एक सब-ब्रांच जो दिल्ली को लगभग 36.7 प्रतिशत पानी (719 क्यूसेक) देती है, वह गुरुवार सुबह बवाना के हनुमान मंदिर के पास टूट गई और इसके आसपास के इलाके जलमग्न हो गए. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के बवाना, हैदरपुर, नांगलोई और द्वारका में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पानी के महत्वपूर्ण स्रोत की मरम्मत के लिए टीमें पहुंच गई हैं.
दिल्ली के रिहायशी इलाके के पानी में डूब जाने के बाद अब इसपर सौरभ भारद्वाज का भी बयान सामने आया है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘बवाना में CLC (career lined channel) आती है जिसमें हरियाणा से पानी आता है. हमें रात में सूचना मिली थी कि रात के वक्त उसका Embankment (तटबंध) टूट गया है. दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी वहां हैं. मैंने फ्लड डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर से कहा है कि वो वहां जाएं और यह देखें कि वो जल बोर्ड की क्या मदद कर सकते हैं.’
अभी तक DJB को 102 किलोमीटर लंबे एक्वीडक्ट में दरार के पीछे का कारण पता नहीं चला है, जो हरियाणा और दिल्ली में पश्चिमी यमुना नहर का हिस्सा है. यह नहर हरियाणा के करनाल में मुनक रेगुलेटर पर यमुना से पानी लाती है. यह खुबरू और मंडोरा बैराज के जरिए हैदरपुर तक फैली हुई है. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने एक्स पर लिखा कि DJB गुरुवार सुबह नहर की सब-ब्रांच में आई दरार के बाद हरियाणा जल विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है.
आतिशी ने कहा, ‘पानी को नहर की दूसरी सब-ब्रांच में मोड़ दिया गया है. मरम्मत का काम पहले ही शुरू हो चुका है और [गुरुवार] दोपहर तक पूरा हो जाएगा. टूटी हुई नहर कल [शुक्रवार] से चालू हो जाएगी.’ मुनक नहर के अलावा, राजधानी को दिल्ली सब-ब्रांच से 17.8% (330 क्यूसेक) पानी और यमुना नदी से 6.6% (120 क्यूसेक) पानी मिलता है. गंगा (200 क्यूसेक) और सोनिया विहार (270 क्यूसेक) वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से 25.4% पानी की आपूर्ति होती है. शेष पानी यमुना के बाढ़ के मैदानों में स्थापित कुओं और ट्यूबवेल के जरिए जमीन से आता है.
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