पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा. एसडीएम और पटवारी के बीच विवाद का मामला सामने आया है, जो अब थाने तक जा पहुंचा है. इसकी चर्चा आज एसडीएम कार्यालय में होती रही. पटवारी का आरोप है कि एसडीएम ने उस पर हाथ उठाया है. वहीं हलका नंबर चार पटवारी किशोर दीवान पर यह आरोप है कि वह शासकीय कार्य में बाधा डाल रहे हैं और उनके खिलाफ तमाम शिकायतें है. इनकी जांच एसडीएम जयंत नाहटा करवा रहे हैं. कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने पटवारी को चैंबर से जाने के लिए बोला. इस बात को पटवारी नहीं माना तो गार्ड ने उसे बाहर किया. इसी दौरान गार्ड और पटवारी में हाथापाई हुई है.

इस मामले को लेकर गार्ड ने थाना में आवेदन दिया है. वहीं पटवारी किशोर दीवान ने भी कोतवाली थाना में लिखित शिकायत की है. हालांकि इस पूरे मामले पर पुलिस के आला अधिकारी कुछ भी कहने बच रहे हैं. यह मामला तूल पकड़ते ही पटवारी को हलका नंबर चार से तत्काल हटाकर कटेकल्याण तबादला कर दिया गया है. जनसंपर्क कार्यालय से जारी खबर में पटवारी को लापरवाह और भ्रष्ट बताया गया है. इस प्रकरण पर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कहा, एसडीएम का कोई विवाद नहीं है. जिसने भी जो किया है कार्रवाई होगी.

छह माह के भीतर दूसरी बार तबादला

पटवारी किशोर दीवान का कहना है कि पूरे राज्य में पटवारी हड़ताल पर है. हड़ताल अवधि में तबादला किया जा रहा है, जो ठीक नहीं है. इसी प्रकरण को लेकर निवेदन करने गया था तो एसडीएम ने चैंबर से भाग जाने के लिए कहा और हाथ उठाया. छह माह के अंदर दो बार तबादला कर दिया गया. निवेदन विनती करता रहा, एसडीएम जयंत नहाटा ने अपने गार्ड को धक्के मारकर चैंबर से बाहर करने का आर्डर दिया. इतना ही नहीं गार्ड ने उसे पीटा. इसके बाद थाने में मेरे खिलाफ आवेदन भी करवा दिया गया. इस तरह के बर्ताव के साथ कोई कर्मचारी कैसे काम कर पाएगा.

पटवारी पर लगे हैं ये आरोप

जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा है. पटवारी पर आरोप है कि कार्यों में अनियमितता करता है. पटवारी के खिलाफ सर्व मूल बस्तरिया समाज कल्याण संघ दंतेवाड़ा सहित एवं ग्रमीणों ने शिकायतें की है. साथ ही आय-जाति और भूमि संबंधी मामलों में पैसे की मांग करने का भी आरोप है. 10 वर्षों से एक ही जगह पर पदस्थ होना और जमीन दलाली के कार्यों में लिप्त रहना, मंदिर और धार्मिक कार्यों में वेवजह हस्तक्षेप करना, मूल बस्तरिया समाज का वाट्सअप गुप बनाकर लोगों को भड़काने का काम करना और राजनैतिक दलों के संपर्क में रहकर लाभ उठाना, इस तरह की शिकायतों का पिटारा है.

जांच कमेटी ने पाया- ग्रामीणों के साथ अभद्रता करता है पटवारी

पटवारी के खिलाफ शिकायतों पर तहसीलदार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया था. 24 जून 2024 को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया. इस जांच में सरपंच और उपसरपंच बालपेट, सर्वमूल बस्तरिया समाज के उपाध्यक्ष, सहसचिव ग्रामत पंचायत टेकनार के सरपंच, कतियाररास के उपसरपंच और ग्रमाीणों ने बताया कि पटवारी बड़ी अभद्रता और अश्लीलता से बात करता है. कतियाररास के उपसरंपच से अभिलेख का अंकित करने के नाम पर ढाई लाख रुपए की मांग की गई है. इधर जांच कमेटी ने भी इस मामले की पुष्टि की है. इतने गंभीर आरोप के बाद भी पटवारी सिर्फ हटाए गए. प्रशासन ने लापरवाह और भ्रष्ट पटवारी को सस्पेंड नहीं किया.

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