नई दिल्ली। चार जजों की प्रेस कान्फ्रेंस के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस कुरियन जोसेफ का कहना है उस समय उसके अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा था. जजों द्वारा प्रेस कान्फ्रेंस लेने पर उन्हें कोई अफसोस नहीं है. कुरियन उन चार जजों में शामिल थे जिन्होंने पिछले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज को लेकर प्रेस कान्फ्रेंस की थी. उस दौरान चारों जजों ने केसों को आबंटित करने के तौर-तरीकों को लेकर सवाल उठाया था.

जस्टिस कुरियन ने कहा अभी सब कुछ ठीक नहीं हुआ, उसमें वक्त लगेगा, लेकिन ट्रांसपरेंसी की शुरुआत हो गई है. मुझे कोई खेद नहीं है. ऐसा इसलिए किया, क्योंकि कोई रास्ता नहीं बचा था. संस्था के हित के लिए ऐसा किया.  जस्टिस अपने विदाई समारोह के दौरान बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यह बहुत विविधता वाला देश है. यहां की संस्कृति, धर्म, भाषा में विविधता है. यह देश संविधान से बंधा हुआ है. यह संविधान ही हम सबको एकजुट रखता है. जस्टिस जोसेफ ने कहा कि मीडिया और अदालतें लोकतंत्र के प्रहरी हैं.