Silver Price Update 2024: करेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का अनुमान है कि अगले 12-15 महीनों में घरेलू बाजार में चांदी की कीमत 1.25 लाख तक पहुंच सकती है। हालांकि, ब्रोकरेज का कहना है कि हाल ही में 30% से अधिक की तेजी के कारण समय-समय पर मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है, लेकिन किसी भी बड़ी गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
फिलहाल चांदी के लिए ₹86,000 से ₹86,500 के स्तर पर मजबूत सपोर्ट है। वहीं, भू-राजनीतिक तनाव, चांदी की मांग और आपूर्ति, केंद्रीय बैंकों की कार्रवाई और चांदी पर चीन का प्रभाव इसकी कीमत बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आइए जानते हैं इन चार कारणों के बारे में।
भू-राजनीतिक तनाव
घबराहट और घबराहट के दौर में सोने और चांदी की कीमत में तेजी देखने को मिलती है। 2022 में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध, 2023 में इजरायल-हमास युद्ध और तमाम भू-राजनीतिक तनाव अभी भी सक्रिय हैं। साथ ही चीन और ताइवान के बीच संभावित तनाव को लेकर भी अपडेट आ रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिका में चुनावी वर्ष के चलते आर्थिक अनिश्चितता भी चांदी की कीमत बढ़ा सकती है।
चांदी की मांग और आपूर्ति
औद्योगिक अनुप्रयोगों के कारण चांदी की मांग में मामूली वृद्धि की उम्मीद है। जबकि खनन चुनौतियों के कारण आपूर्ति की समस्या बनी हुई है। 2024 में लगातार चौथे साल चांदी की मांग इसकी आपूर्ति से अधिक रहने की उम्मीद है। इससे पता चलता है कि चांदी के लिए बाजार संतुलन घाटे में रहेगा, जो इसकी कीमत बढ़ाने में योगदान देगा।
केंद्रीय बैंकों की कार्रवाई
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने एक साल में ब्याज दरें 0% से बढ़ाकर 5% कर दी हैं और अब स्थिर हैं। 2024 में फेड ने अभी तक ब्याज दर में किसी बदलाव की घोषणा नहीं की है। मुद्रास्फीति के दबाव में कमी के बीच सतर्क रुख बनाए रखा गया है। सितंबर 2024 में ब्याज दरों में कटौती के लिए बाजार की उम्मीदें लगभग 70% हैं, जो फेड के मौजूदा रुख के विपरीत है, जिससे कीमती धातुओं में तेजी आई है।
चांदी पर चीन का प्रभाव
औद्योगिक सामग्रियों के एक प्रमुख उपभोक्ता और निर्माता के रूप में चीन की भूमिका वैश्विक चांदी बाजार को प्रभावित करती है। यह कोविड महामारी के दौरान 3 साल का लॉकडाउन रखने वाली एकमात्र अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
इसके बावजूद, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना से प्रोत्साहन उपायों की संभावना और मजबूत आयात संभावित बाजार स्थिरता का संकेत देते हैं। अमेरिकी चुनाव, मध्य पूर्व संघर्ष और भू-राजनीतिक तनाव चांदी की कीमतों को बढ़ाएंगे।
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