संतोष चौधरी, जशपुर। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पिछले दो दिन से ताला लगा हुआ है।आंगनबाड़ी केन्द्रों में पदस्थ सभी कार्यकर्ता एवं सहायिका तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से राजधानी रायपुर में धरना पर बैठे हैं। जिस कारण जिले में बच्चों को पोषण और पढ़ाई से वंचित होना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका कल्याण संघ के बैनर तले जशपुर जिला से भी समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका धरना प्रदर्शन के लिए राजधानी रायपुर में हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं का मांग है की उन्हें न्यूनतम वेतन 18 हजार रूपए देते हुये समान वेतन व समान कार्य के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत शासकीय कर्मचारी घोषित कर सेवा समाप्ति के बाद 5 लाख रूपए जीवकोपार्जन हेतु प्रदाय किये जाने की स्वीकृति मिले।
महतारी जतन योजनांतर्गत सहायिकाओं को मिलने वाले इंधन खर्च की राशी बढ़ाने के साथ साथ कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक पद पर आयु सीमा में छूट देकर सीधी भर्ती देने की मांग शामिल है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के बंद होने के कारण कई बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के के इर्द गिर्द घुम कर आंगनबाड़ी के खुलने का इंतजार करते देखा गया। जब काफी देर तक आंगनबाड़ी नहीं खुला तो थक हार कर बच्चे अपने अपने घरों की ओर चल दिये।