भुवनेश्वर. ओडिशा की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 600 करोड़ रुपये के शेयर ट्रेडिंग घोटाले के सिलसिले में एक फर्म के मालिक सैयद जियाजुर रहमान को गिरफ्तार किया. रहमान एलएफएस ब्रोकिंग एंड पीएमएस सविर्सेज का मालिक और पश्चिम बंगाल का निवासी बताया गया है. इनको दुबई से लौटते समय नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन ब्यूरो ने हिरासत में लिया गया था. उनके खिलाफ पहले ही एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था और उन्हें कटक की अदालत में पेश किया जाएगा. जांच में महाराष्ट्र लिमिटेड अधिकृत बनकर किया.

20 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप

रहमान पर आरोप है कि उन्होंने ओडिशा के ढेंकानाल के अरुण कुमार पटनायक और उनके रिश्तेदारों को शेयर ट्रेडिंग और निवेश राशि पर 2% मासिक ब्याज देने का वादा कर 20 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की. ईओडब्ल्यू की ओर से बताया गया है.

फर्जी कंपनियों के माध्यम से गुमराह किया

खुलासा हुआ कि रहमान पहले पुणे, में पंजीकृत एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट का निदेशक थे और सेबी द्वारा था. बाद में उसने समान नाम वाली एलएफएस ब्रोकिंग एंड पीएमएस सर्विस पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस) का मालिक शेयर ट्रेडिंग में ब्रोकर के रूप में काम रहमान ने लोगों को यह सोचकर बेवकूफ कि वे एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट में निवेश कर रहे हैं, जबकि असल में एलएफएस ब्रोकिंग एंड पीएमएस सर्विस के खाते में करोड़ों रुपये जमा कर रहे थे.

सेबी ने किया है प्रतिबंधित

जांच के दौरान पता चला है कि सेबी ने धोखाधड़ी गतिविधियों के कारण रहमान को पांच साल के लिए स्टॉक ब्रोकर के रूप में प्रतिबंधित कर दिया था. सेबी ने उन्हें पोर्टफोलियो मैनेजर, डिपॉजिटरी प्रतिभागी और रिसर्च एनालिस्ट के रूप में भी बैन कर दिया. कई आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य सामग्री भी जब्त की गई है और आगे की जांच जारी है.

ओडिशा से एकत्र किए 100 करोड़, 600 करोड़ से अधिक की राशि एकत्र की

ईओडब्ल्यू ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि रहमान ने अकेले ओडिशा से 100 करोड़ रुपये एकत्र किया था. इस मामले की आगे की जांच जारी की है.

होटल और रिसॉर्ट्स में भी किया निवेश

रहमान आरमबाग होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का भी मालिक है. उनकी दो पत्नियां हबीबा बेगम और रंजिता महाजन इस कंपनी की निदेशक हैं. जांच में पाया गया कि बड़ी मात्रा में धनराशि इस कंपनी में भी स्थानांतरित की गई थी. बताया गया है कि इस व्यक्ति ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड और गुजरात में निवेशकों से 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र की. अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उसने निवेश राशि पर 2% मासिक ब्याज देने का वादा किया. शुरुआती मासिक रिटर्न और अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करने के बाद उन्होंने कोई और भुगतान नहीं किया और जुलाई 2023 से फरार था.