वाराणसी. देश में बना पहला हाइड्रोजन जलयान वाराणसी पहुंच गया है. इसे काशी के 84 घाटों की शृंखला के अंतिम छोर पर नए बने नमो घाट और फिर वाराणसी-हल्दिया वॉटर हाइवे-वन के पहले मल्टी मॉडल बनारस टर्मिनल (रामनगर) ले जाकर खड़ा किया जाएगा. महाकुंभ के दौरान इसे काशी से प्रयागराज के बीच भी चलाने की भी योजना है.
देश का पहला हाइड्रोजन जलयान रविवार की शाम रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल पर पहुंच गया. आईडब्ल्यूएआई के अधिकारियों के अनुसार इस शिप के संचालन का जिम्मा पर्यटन विभाग को सौंपा जाएगा. पर्यटन विभाग ही इसका रूट और किराया तय करेगा. सब कुछ ठीक रहा तो स्वतंत्रता दिवस के दिन इसका संचालन शुरू हो सकता है.
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50 से 55 व्यक्तियों की क्षमता
कोलकाता से आए दो मंजिला हाइड्रोजन जलयान के अंदर सजावट, रंगरोगन समेत अन्य प्रक्रियाएं पूरी होंगी. जल परिवहन अधिकारियों के अनुसार हाइड्रोजन जलयान का संचालन पर्यटन विभाग के जिम्मे होगा. 50 से 55 व्यक्तियों की क्षमता वाले जलयान को काशी से चुनार वाया प्रयागराज तक संचालन किए जाने की तैयारी है.
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20 से 25 किमी की रफ्तार से चलेगा
डबल डेकर कटा मेरान पर्यटक जलयान जून के अंतिम सप्ताह में कोलकाता से चला था. रास्ते में कम पानी होने की वजह से उसे बनारस पहुंचने में समस्या हुई, इसके चलते जलयान को आधा सफर पूरा करने में ज्यादा समय लगा. कैप्टन ने जल परिवहन अधिकारियों को बताया कि यह जलयान 20 से 25 किमी की रफ्तार से चल सकता है.
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