रायपुर। एक युवा आईएएस बनने का ख्वाब देखता है. इसके लिए जी तोड़ मेहनत करता है. कई बार परीक्षा देता है आशंकि रूप से सफल भी होता है. लेकिन लिखित परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू में पहुँचते विफल हो जाता है. उसे अपनी विफलता चुभने लगती है, परेशान करने लगता है. और इसी परेशानी के बीच वह अपराध जगत में अपनी सफलता खोजने लगता है. इसके लिए वह अपना घर छोड़ देता है. वह बिहार से निकलकर पहले दिल्ली और फिर छत्तीसगढ़ पहुँचता है. यहां भी वह आईएएस की तैयारी नहीं छोड़ता. लेकिन मन अब पढ़ाई से कहीं ज्यादा पैसे कमाने की ललक पर चल पड़ती है. वह अपने दिमाग में अब पढ़ाई की जगह क्राईम से जुड़ी योजनाओं को दौड़ाने लगता है. इसी बीच उसे नकली नोट के कारोबार का आडिया आता है और वह राजधानी रायपुर में चलाने लगता है नकली नोट का कारोबार.
इस युवा का नाम है निखिल कुमार. मुलतः बिहार के पटना का रहने वाला निखिल आईएएस बनना चाहता था. इसके लिए वह बिहार से दिल्ली पहुँचता और फिर विफल होकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर. रायपुर पहुँचकर निखिल आईसीआईसीआई बैंक सीएपसी सेंटर का फ्रेंचायजी लेकर पिरारी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से अपनी कंपनी खोलता है. यह कंपनी निखिल अपनी पत्नी पूनम अग्रवाल के साथ शुरू करता है. लेकिन इस कंपनी के सहारे निखिल और पूनम अब बड़ी-बड़ी कंपनियों को अपने झांसे लेने लग जाते हैं. लेकिन कंपनियों को झांसे में लेने से पहले वे शुरू कर चुके होते हैं नकली नोट छापने का कारोबार.
कंपनी का पता होता है राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र में आने वाला अमलीडीह स्थित रजत प्राईम काम्पेक्स में फ्लैट नंबर 708. इसी निवास पर निखिल अपनी पत्नी के साथ नकली नोट छापना शुरू करता है. वह 2000-2000 हजार के नोट छापने लगता है. इन नोटों की छपाई के लिए वह लैपटॉप, प्रिंटर, कटिंग मशीन, स्याही का इस्तेमाल करता है. इसके सहारे वह 5 करोड़ तक की नोटों की छपाई कर लेता है. नोटों की छपाई के साथ-साथ वह उन कंपनियों से संपर्क साध लेता है जो सीएसआर फंड का पैसा एनजीओ को देते हैं और उसका इस्तेमाल सामाजिक विकास कार्यों में होता है. इसके लिए निखिल बड़ी कंपनियों को यह भी बताता है कि उसके पास करोड़ों रूपये के नकली नोट हैं. अगर कंपनी अपना टैक्स बचाने के लिए उन्हें सीएसआर की राशि देंगे तो वे 20 प्रतिशत काटकर शेष राशि लौटा देंगे. लेकिन निखिल की ये जालसाजी कब तक छुपती. पुलिस को इसकी खबर लग जाती है.
रायपुर एसएसपी तक खबर पहुँचते ही निखिल को उसके घर में कारोबार के साथ दबोचने क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम गठित की जाती है. क्राइम ब्रांच की टीम पूरी सावधानी के साथ निखिल घर में दबिश देती है. और पुलिस के इस छापे के साथ राजधानी में नकली नोटों के कारोबार भांडाफोड़ है. पुलिस को निखिल के घर से 5 करोड़ के नकली नोट मिलते हैं. साथ ही पुलिस नकली नोट की छपाई में इस्तेमाल होने वाले सभी समानों की भी जब्त करती है. और पकड़ा जाता है नकली नोटों का कारोबार चलाने वाला निखिल कुमार अपनी पत्नी पूनम अग्रवाल के साथ.
फिलहाल राजधानी पुलिस निखिल से कड़ी पूछताछ कर रही है. पुलिस अभी इस मामले में कुछ और कड़ी भी तलाश है. आशंका इस बात को लेकर भी कहीं नकली नोट विधानसभा के चुनाव के दौरान तो नहीं खपाए गए हैं? फिलहाल तमाम आंशकाओं के बीच पुलिस की जांच इस पूरे मामले में जारी है. राजधानी पुलिस को मिली इस बड़ी कायमाबी से महकमा खुश है. लेकिन पुलिस इस बात को लेकर अब सजग और सतर्क भी है कि ऐसे अपराधों को पनपने से रोकना भी है.