रायपुर. केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित “वन नेशन वन गोल्ड प्राइस” योजना को लेकर रायपुर सराफा एसोसिएशन ने कहा कि यह योजना सराफा व्यापारियों के लिए मिल का पत्थर साबित होगा. रायपुर सराफा व्यापारी संघ के अध्यक्ष सुरेशभंसाली, दीपचंद कोटड़िया, जितेन्द्र गोलछा, हरीश डागा, सुनील सोनी, प्रवीण मालू, दिलीप टाटिया, राजा कंकारियां एवं कार्यकारिणी ने बताया कि “वन नेशन वन गोल्ड प्राइस” योजना के संबंध में सभी सराफा व्यवसायियों से सुझाव मांगे हैं, ताकि केंद्र सरकार को मंत्रालय एवं मुख्य सचिव के माध्यम से इस सुझाव को भेजा जा सके.

ग्राहकों के लिए फायदा

  • समान मूल्य: पूरे देश में सोने की कीमतें समान होंगी, जिससे ग्राहकों को यह जानने में आसानी होगी कि वे कहां से सबसे अच्छी कीमत प्राप्त कर सकते हैं।
  • अधिक पारदर्शिता: सोने की कीमतों में पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी।
  • प्रतिस्पर्धा में वृद्धि: विभिन्न ज्वेलर्स के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों को बेहतर कीमतें मिल सकती है।

सराफा व्यवसायियों के लिए फायदा

  • समान स्तर का मैदान : छोटे ज्वेलर्स को बड़े ज्वेलर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने में आसानी होगी, क्योंकि उनके पास सोने की खरीद पर समान लाभ होगा।
  • कम जोखिम: सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव से जुड़ा जोखिम कम होगा, जिससे व्यवसायों को बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी
  • बढ़ी हुई बिक्री : समान कीमतों के कारण सोने की मांग बढ़ सकती है, जिससे व्यवसायों की बिक्री बढ़ सकती है।

सरकार के लिए फायदा

  • कर राजस्व में वृद्धि: सोने की बिक्री पर कर राजस्व में वृद्धि हो सकती है।
  • आर्थिक विकास को बढ़ावा: सोने के आयात पर कम निर्भरता से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिल सकती है।

ग्राहकों के लिए नुकसान

  • कम विकल्प: विभिन्न ज्वेलर्स के बीच कम प्रतिस्पर्धा के कारण ग्राहकों के पास कम विकल्प हो सकते हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च कीमतें : ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन लागत के कारण सोने की कीमतें थोड़ी अधिक हो सकती है।

सराफा व्यवसायियों के लिए नुकसान

  • कम लाभ : छोटे ज्वेलर्स को कम लाभ हो सकता है, क्योंकि उन्हें अपनी कीमतों को कम रखना होगा।
  • अधिक नियामक बोझ : सरकार द्वारा सोने की कीमतों को विनियमित करने से व्यवसायों पर बोझ बढ़ सकता है।

सरकार के लिए नुकसान

  • प्रवर्तन में कठिनाई : देशभर में सोने की कीमतों को लागू करना और बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जुड़ाव कम : सोने की कीमतों को घरेलू बाजारों से जोड़ने से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से भारत का जुड़ाव कम हो सकता है।

रायपुर सराफा एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष जितेंद्र गोलछा ने कहा, “वन नेशन वन गोल्ड प्राइस” योजना अभी भी प्रस्तावित है और इसे लागू करने से पहले कई पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता होगी। उपरोक्त बिंदु केवल संभावित फायदे और नुकसान का एक सामान्य अवलोकन हैं. योजना के वास्तविक प्रभाव कई कारकों पर निर्भर करेंगे, जिनमें इसके कार्यान्वयन का तरीका और बाजार की प्रतिक्रिया शामिल है.

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