रायपुर। किसानों की आत्महत्या के मामले पर विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को आसन्दी ने स्वीकार कर लिया और सदन में इस पर चर्चा शुरु हो गई. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि जब से एनडीए की सरकार बनी है छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश मे  किसानों के आत्महत्या के मामले बढ़ गए हैं. स्थिति बहुत भयावह है. हर रोज समाचार पत्रों में पढ़ते हैं कि किसान की कर्ज से मौत हो रही है कीटनाशक दवा पीकर किसान आत्महत्या कर रहे हैं.

12 जून से अब तक 24 किसानों ने आत्महत्या की है….सदन में ही सरकार का दिया जवाब बताता है कि 2016-2017 और 2017-18 में सौ से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है. नोटबन्दी के बाद किसानों की स्थिति बिगड़ी. छत्तीसगढ़ के धमधा, पत्थलगांव जैसे कई जगहों पर किसानों ने सड़कों पर सब्जियां फेंकी. टमाटर महंगा इसलिए बिक रहा है क्योंकि किसानों ने सड़कों पर फेंक दिया था. घाटा से उबर नहीं पाए थे किसान. इसलिए किसानों ने टमाटर की सफल नहीं ली. सरकार इसके लिए जिम्मेदार है. किसानों की फसल का वाजिब हक उन्हें नहीं दिया.

छत्तीसगढ़ का टमाटर देश ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में जाता था लेकिन नोटबन्दी की वजह से किसान बर्बाद हो गए. सब्जियों के प्रिजरवेशन के लिए प्रदेश में कोई व्यवस्था नहीं है. विक्रय की व्यवस्था नही हो पाती. किसान कर्ज में लद रहे हैं. किसान बीज दुकान, दवा दुकान से कर्ज लेता है और पटा नहीं पाने की वजह से आत्महत्या कर लेता है.

उन्होंने कहा कि महासमुंद जिले का आदिवासी किसान ने इसलिए आत्महत्या कर लिया क्योंकि उस पर कर्ज था, उस गांव में 1 लाख 32 हजार किसानों ने प्रीमियम पटाया. 34 फीसदी अनवरी के बाद बीमा की राशि मिली केवल 904 हजार.

 

भूपेश बघेल ने कहा कि बागबाहरा में निषाद नाम का किसान आत्महत्या करता है क्योंकि उसने टेम्परेरी कनेक्शन लिया था, बगैर पम्प चले 3 हजार का बिल आया.बिल देखते ही किसान ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर लेता है.किसान आत्महत्या कर रहे है क्योंकि सरकार की बिजली नीति गलत है, धान खरीदी नीति गलत है. नोटबन्दी का असर भी है.

उन्होंने बताया कि मृतक किसान चंद्रहास साहू की 5 बेटियां थी. घर मे खपरैल भी नही था. बड़ी बेटी की शादी की थी उसने, दूसरी बेटी कॉलेज में जा रही थी, लेकिन फीस नहीं पटा पाया. कर्ज से लदा हुआ था. बदनाम करने की कोशिश की गई. कहा गया शराबी था, पत्नी से झगड़ता था, मानसिक तनाव में था. आखिर वह तनाव में कैसे नहीं आएगा. उन्होंने संतोष साहू के खुदकुशी से पहले लिखे गए नोट को सदन के पटल पर रखने की मांग की.

भूपेश ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के मामले में फेल है इसलिए उसे हट जाना चाहिए