नई दिल्ली . ट्रेनों में एसी कोच बढ़ाने और जनरल-स्लीपर श्रेणी कोच कम करने का आरोप झेल रही भारतीय रेल ने क्लोन ट्रेन की तर्ज पर देशभर के 25 रेल मार्गों पर नई यात्री ट्रेनें चलाने का फैसला किया है.

अगस्त माह में पहली नई ट्रेन दिल्ली-पटना के बीच चलने जा रही है. इन ट्रेनों की विशेषता यह होगी कि नियमित मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों (रेल टाइम टेबल की ट्रेनें) के वेटिंग लिस्ट के यात्री इनमें सफर कर सकेंगे. रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश के प्रमुख रेल मार्गों पर, जहां नियमित ट्रेनें सालभर हाउसफुल रहती हैं और यात्री वेटिंग टिकट पर यात्रा करने पर विवश हैं, ऐसे रूट पर नई ट्रेनें चलाने जा रहे हैं. नियमित ट्रेन के प्रस्थान के पश्चात उसी प्लेटफार्म से नई ट्रेन को चलाया जाएगा, जिससे वेटिंग टिकट के यात्री गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. अधिकारी ने बताया कि तकनीकी भाषा में ऐसी ट्रेनों को क्लोन ट्रेन कहा जाता है, लेकिन अभी पायलट प्रोजेक्ट होने के कारण नई ट्रेनों का नामकरण नहीं किया जा रहा है. फिलहाल नई ट्रेनों को विशेष ट्रेन के रूप में चलाया जाएगा. अधिकारी के मुताबिक, योजना के तहत नई दिल्ली से पटना के बीच जुलाई के अंत अथवा अगस्त के पहले हफ्ते में नई ट्रेन चलाई जाएगी. 22 कोच वाली इस विशेष ट्रेन में अधिकांश कोच जनरल और स्लीपर श्रेणी के होंगे. 2-3 कोच एसी-3 के लगाए जा सकते हैं.

नॉन एसी में 42 करोड़ यात्री बढ़े

रेलवे बोर्ड देश के सबसे अधिक भीड़ वाले रेल मार्गों पर 2027 तक तीन हजार नई यात्री ट्रेनें चलाने की तैयारी में है. स्लीपर-जनरल श्रेणी में रेल यात्रियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. नॉन एसी श्रेणी में अप्रैल-दिसंबर 2023 के बीच 372 करोड़ यात्रियों ने सफर किया, जो गत वर्ष की अपेक्षा 41 करोड़ से अधिक है.

क्या होती है क्लोन ट्रेन

क्लोन ट्रेन नियमित ट्रेन यानी रेल के टाइम टेबल में दर्ज ट्रेन के नाम से चलाई जाती है. इसे नियमित ट्रेन के प्रस्थान के बाद उसी नाम से चलाई जाने वाली ट्रेन को क्लोन ट्रेन कहते हैं. नियमित ट्रेन के वेटिंग लिस्ट यात्री का इसमें ऑटोमैटिक टिकट कंफर्म हो जाता है. यह ट्रेनें नियमित ट्रेन के प्रस्थान के बाद आधे से 1 घंटे के भीतर रवाना की जाती हैं.