लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस के कारनामे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यूपी पुलिसकर्मी ‘खाकी’ की साख को बदनाम करने पर उतारू नजर आ रहे हैं। अभी ठांय-ठांय वाला मामला थमा ही था कि फिर से एक ऐसा कारनामा सामने आ गया है जिसे जानकर आप दंग हो जाएंगे।
दरअसल, महराजगंज के निचलौल थाना क्षेत्र के जगदौर गांव के रहने वाले मासूम से पुलिस को शांति भंग होने का खतरा लग रहा है। मामला यह है कि बारावफात के दिन जुलूस के दौरान हंगामा होने पर पुलिस ने तमाम लोगों को शांति भंग की धारा में पाबंद किया, जिसमें एक मासूम का नाम भी शामिल है।
बीते शनिवार को जब वह परिजनों के साथ एसडीएम कोर्ट में जमानत कराने पहुंचा तो सभी लोग चार साल के मासूम को देखकर चौक गए। पुलिस की इस कारनामे पर सभी वहीं तीखी प्रतिक्रिया देने लगे। हालांकि कोर्ट में एसडीएम के मौजूद न होने के कारण बच्चे की जमानत नहीं हो सकी।
बारावफात के दिन हंगामे के चलते पुलिस ने शांति भंग की धारा में एक पक्ष से 51 तथा दूसरे पक्ष से 43 लोगों को पाबंद किया था। जिसमे जगदौर गांव से एक चार साल के बच्चे सरफराज पुत्र जावीद को भी नाम दर्ज कर लिया। सरफराज जगदौर मदरसे में कक्षा एक का छात्र है। उसे शाति भंग में पाबंद किया गया।
परिजनों ने कहा कि पुलिस ने मनमाने ढंग से तमाम लोगों को शांति भंग की धारा में पाबंद कर दिया। उन्हें यह भी समझ में नहीं आया कि चार साल के बच्चे से शांति भंग कैसे हो सकती है। पुलिस की यह कार्रवाई क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
उधर क्षेत्र के सीओ निचलौल रणविजय सिंह का कहना है कि चार साल के बच्चे को पाबंद करना चौकी इंचार्ज मिठौरा की घोर लापरवाही को दर्शाता है। इस मामले की जांच की जाएगी। उधर, एएसपी आशुतोष शुक्ल ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल के बाद कार्रवाई की जाएगी।