कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में 24 घंटे बिजली के लाख दावे किए जा रहे हैं। लेकिन प्रदेश के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर मात्र कुछ घंटों तक ही लोगों को लाइट की सुविधा मिलती है। लेकिन तब क्या हो जब खुद ऊर्जा मंत्री के गृह जिले में ही बिजली व्यवस्था बदहाल हो। इसकी एक बानगी उस वक्त देखने मिली जब सांसद की बैठक के दौरान रोशनी खफा हो गई और मजबूरन उन्हें सड़क सुरक्षा की बैठक अंधेरे में करनी पड़ी।
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दरअसल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के गृह जिले में बिजली बदहाली की एक तस्वीर सामने आई है। कलेक्ट्रेट में सड़क सुरक्षा को लेकर सांसद भारत सिंह कुशवाहा बैठक कर रहे थे। इस दौरान बिजली कंपनी के सिटी सर्किल जीएम भी मौजूद थे। तभी अचानक लाइट बंद हो गई। प्रोजेक्टर और माइक बंद हो गए। करीब 15 मिनट तक अंधेरे में बैठक करनी पड़ी। सांसद ने इस पर काफी नाराजगी जताई और अधिकारी से इसे लेकर सवाल पूछे। जिस पर बिजली अधिकारी नितिन मांगलिक की ओर से जवाब आया कि फाल्ट से बिजली गुल हुई थी।
ऐसे में सवाल उठता है कि ऊर्जा मंत्री का गृह जिला और खास तौर पर कलेक्ट्रेट में जहां कुछ समय बिजली बाधित होने पर कई काम अटक जाते हैं। वहां पर सांसद की बैठक के दौरान ही लाइट गुल हो जाए तो प्रदेश के अन्य क्षेत्रों का क्या हाल होगा, यह सोचने वाली बात है।
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