लखनऊ. यूपी की भाजपा सरकार में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के तेवर कुछ अलग दिखाई दे दिख रहा है. इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है.

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है. तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है. जनता के बारे में सोचनेवाला भाजपा में कोई नहीं है.

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एक और पोस्ट पर अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपा सरकार ने उपचुनाव में हार के डर से शिक्षकों की ‘डिजिटल अटेंडेंस’ व लखनऊ में ‘पंतनगर व इंद्रप्रस्थ के ध्वस्तीकरण’ का फरमान स्थगित किया है, इसे पूरी तरह से निरस्त होना चाहिए. भाजपा का असली चेहरा शिक्षकों व आम जनता के सामने आ गया है. शिक्षक व आम जनता भाजपा को उपचुनाव ही नहीं, अगला हर चुनाव हराएगी. जनता ने भाजपा सरकार की मनमानी के बुलडोज़र के ऊपर जनशक्ति का बुलडोज़र चला दिया है.

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि बीते दिनों लखनऊ में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान से उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मच गई. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि ”संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है. हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है.”

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